Bangladesh China Relation: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 साल बाद चीन के दौरे पर गईं थी. 4 दिवसीय चीनी यात्रा गई बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना 3 दिन में ही वापस आ गईं. बताया जा रहा है कि शेख हसीना जिन उम्मीदों के साथ चीन गई थीं, वैसे कुछ हो नहीं पाया. अपने सम्मान को बचाने के लिए उन्होंने चीन के ऑफर को भी ठुकरा दिया.
इस वजह से पहले ही लौटना पड़ा…
बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को 4 दिन चीन में रहना था. लेकिन उनकी बेटी की तबीयत खराब हो गई. इस वजह से उन्हें अचानक 1 दिन पहले ही लौटना पड़ा. उनके दौरे को लेकर दुनिया भर चर्चाएं तेज हो गईं थी. बताया जा रहा था कि चीन बांग्लादेश को लोन दे देगा. वो उसे अपने पाले में कर लेगा. जिससे भारत के सामने नई चुनौती खड़ी हो जाएगी, लेकिन ये सभी बातें धरी की धरी रह गईं और ठीक इसके विपरीत हुआ.
इस उम्मीद से चीन गई थी शेख हसीना
दरअसल, शेख हसीना इस उम्मीद के साथ चीन गई थीं कि शी जिनपिंग उनको बहुत ज्यादा अहमियत देंगे. क्योंकि, 2016 में जब जिनपिंग बांग्लादेश गए थे तब उन्होंने कई वादे किए थे. उन्होंने कहा था कि हम आपको लाखों करोड़ों का लोन दे देंगे. हम आपके यहां निवेश करेंगे. जिनपिंग के उन्हीं वादों को ध्यान में रखते हुए शेख हसीना चीन गई थीं. लेकिन, अब 8 साल बाद यानी 2024 में चीन की स्थिति ठीक नहीं है. वह आर्थिक संकट से गुजर रहा है. जिसके चलते वो अपने वादों से मुकर रहा है.
शेख हसीना ने ठुकराया चीन का ऑफर?
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना उम्मीद कर रही थीं कि चीन उन्हें 4 लाख करोड़ का लोन तो दे ही देगा. लेकिन चीन ने उसे 900 करोड़ का लोन ही ऑफर कर रहा था. जिसके चलते शेख हसीना नाराज हो गईं और इन्हीं वजहों से उन्होंने यात्रा तय समय से पहले ही खत्म कर दी.
शेख हसीना को नहीं मिला तवज्जो
वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, चीन से मिलने वाले ऑफर से ढाका खुश नहीं था, क्योंकि ढाका ज्यादा की उम्मीद कर रहा था. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को शी के साथ लंबी बातचीत की उम्मीद थी लेकिन केवल संक्षिप्त बातचीत ही हो पाई. इसके अलावा चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शेख हसीना से मुलाकात तक नहीं की. यही नहीं, चीनी मीडिया ने भी शेख हसीना के दौरे को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया.