Dinosaur Skeleton: आपने डायनासोर पर बनी कई हॉलीवूड फिल्में दिखेगी होंगी, उनकी तस्वीरे, उन पर लिखी हुई किताबे आपने जरूर पढ़ी होंगी, सालों पहले पृथ्वी पर एक बड़ा क्षुद्रग्रह गिरा और धरती के राजा कहे जाने वाले डायनासोर विलुप्त हो गए. अब डायनासोर के अवशेषों को कई म्यूजियम में रखा गया है. म्यूजियम में रखे हड्डियां, उनके शरीर के ढांचे, कंकाल को देखना अलग ही अनुभव कराता है. ऐसा लगता है कि हमने इतिहास की बरसों पुरानी चीज का आज के समय में अनुभव कर लिया. बता दें कि हाल ही एक डायनासोर का कंकाल मिला है, जिसकी नीलामी करोड़ों में हुई है.
सबसे अलग है इस डायनासोर का कंकाल
डायनासोर का मिला ये कंकाल अब तक के सामने आए सभी डायनासोर के ढांचों से सबसे अलग है. कोई एक हड्डी नहीं बल्कि पूरा डायनासोर का ढांचा ही मिला है. इस कंकाल के मिलने के बाद सब लोग इसको देखना चाहते हैं, वहीं इसे खरीदने वालों की संख्या भी बढ़ गई है. यहीं वजह है कि जब इसे नीलामी के लिए रखा गया तो इसकी कीमत ने आसमान छू लिया.
इतने करोड़ में हुई नीलामी
दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा डायनासोर का कंकाल 15 करोड़ साल पुराना है. इसकी लंबाई 11 फीट है और चौड़ाई 8.2 मीटर है. डायनासोर के इन अवशेषों का नाम एपेक्स रखा गया है. इसको अब तक के मिले डायनासोर के सभी ढांचों में से सबसे ज्यादा बड़ा और संपूर्ण बताया गया है. एपेक्स की नीलामी बुधवार को की है जो अब तक का सबसे महंगा बिकने वाला स्टेगोसॉरस बना है. सोथबी के प्रमुख कैसंड्रा हैटन ने बताया कि एपेक्स डायनासोर ने इतिहास में अपनी जगह बना ली है.
न्यूयॉर्क में मिला अवशेष
स्टेगोसॉरस का अब तक का सबसे बड़ा ढांचा न्यूयॉर्क में मिला. न्यूयॉर्क की कंपनी सोथबी ने बुधवार को इसकी नीलामी की. इसकी नीलामी ने अब तक के नीलाम हुए सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है. बता दें कि चार साल पहले यानी 2020 में, टायरानोसॉरस रेक्स जिसका नाम स्टेन था उसके अवशेषों को 74 करोड़ में नीलाम किया गया था. इसको अमेरिकी नागरिक ने खरीद लिया है, लेकिन उनकी पहचान और नाम का खुलासा नहीं हुआ है.
कब हुई एपेक्स की खोज
बता दें कि एपेक्स की खोज मई 2022 में कोलोराडो में विज्ञानी जेसन कूपर ने की थी. एपेक्स से पहले सोफी नाम के डायनासोर के कंकाल को दुनिया भर में प्रदर्शन के लिए लगाए गए थे. एपेक्स से पहले सोफी दुनियाभर में सबसे संपूर्ण डायनासोर का ढांचा था. अब सोथबी के प्रमुख ने बताया है कि कि एपेक्स सोफी से 30 प्रतिशत बड़ा है.
ये भी पढ़ें :- Violence in Bangladesh: बांग्लादेश के बवाल में ISI का हाथ, प्रदर्शनकारियों को फंडिंग कर रहा पाकिस्तान