Bangladesh Reservation Quota: पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से आरक्षण को लेकर हंगामा बरपा हुआ है. आरक्षण को लेकर मचे हंगामें ने भयानक रूप ले लिया है. कई स्थानों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इन सब के बीच बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाईजरी के बाद यहां फंसे 300 से अधिक लोगों को वहां से बाहर निकाल लिया गया है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी. बांग्लादेश में फंसे 310 से ज्यादा लोग मेघालय पहुंच गए हैं, जिनमें भारतीय, नेपाली और भूटान के नागरिक भी शामिल हैं. जिन लोगों को यहां से निकाला गया है, उनमें अधिकतर छात्र हैं.
बांग्लादेश में आरक्षण की आग
दरअसल, बांग्लादेश में हाल ही में सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के चलते राजधानी ढाका और अन्य स्थानों पर हिंसा भड़क उठी. जानकारी के अनुसार गुरुवार तक इस हिंसा में 25 लोगों के मौत की खबर सामने आई है. इसी के साथ ढाई हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी खबर है.
मेघालय पहुंचे कितने भारतीय?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में फैली हिंसा की आग के बीच करीब 310 लोगों को मेघालय लाया गया है. इस संबंध में भारतीय गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिंसा के चलते फंसे 310 भारतीय, नेपाली और भूटानी नागरिक यहां ‘दावकी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट’ के जरिए भारत पहुंच चुके हैं. जिन 310 लोगों को बाहर निकाला गया है उन में से 202 भारतीय हैं, 101 नेपाली और 7 लोग भूटान के हैं.
गृह मंत्रालय के अधिकारी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार जिन लोगों को भारत वापस लाया गया है इन में से ज्यादातर छात्र हैं. बांग्लादेश में हिंसा फैलने के बाद मेघालय सरकार और असम सरकार भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए बांग्लादेश उच्च आयोग और विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में है.
ढाका में बढ़ रहा विरोध प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन के चलते हिंसा दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. सरकार ने यहां की सड़कों पर अर्धसैनिक बल को तैनात किया है. वहीं, लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है. इस प्रदर्शन के कारण ढाका में बस सेवाएं भी बंद की जा चुकी है. वहीं, इस हंगामे को रोकने और समाधान की तलाश करने के लिए कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बातचीत के लिए बैठक करने का फैसला किया है.
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