हिंसा की आग में झुलस रहा बांग्लादेश, पूरे देश में लगाया गया कर्फ्यू; इतने लोगों की अब तक मौत

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Curfew in Bangladesh: बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के मामले में हिंसा लगातार बढ़ रही है. आलम यह है कि ये हिंसा अब देशव्यापी हो गई है. लगातार बढ़ती हिंसा के कारण बांग्लादेश की शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा कर दी है.

वहीं, देश में हिंसा के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया गया है. कर्फ्यू की घोषणा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने की. देश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू इस लिए लगाया गया क्योंकि हिंसा ने भयानक रूप ले लिया था और पूरे देश में इसकी आग फैल गई थी. अभी तक की मिली जानकारी के अनुसार इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों की संख्या में लोग घायल हैं.

मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद

दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है. हिंसी के कारण पूरे देश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई थी. इस कारण शेख हसीना सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू की घोषणा की. इसी के साथ आगामी आदेशों तक पूरे देश में इंटरनेट सेवा और मोबाइल सेवा पर रोक लगा दी है.

शुक्रवार को पुलिस और उपद्रवीयों के बीच झड़प हुई. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे. शुरूआत में ये प्रदर्शन राजधानी ढाका और कुछ स्थानों पर देखने को मिला, लेकिन सप्ताह के अंत तक इस हिंसा की आग पूरे बांग्लादेश में फैल गई. देशव्यापी ये विरोध प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस प्रदर्शन की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

सुरक्षा बलों की भारी तैनाती

शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच गोलीबारी की घटना भी सामने आई है. शुक्रवार को जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने देश में ‘‘पूर्ण बंद’’ का प्रयास कर रहे थे, इसी वक्त सुरक्षाबलों से उनकी झड़प हुई. हालांकि, अभी तक कितने लोगों की मौत हुई है, इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

प्रदर्शनकारी क्या कर रहे मांग?

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था.

बता दें कि छात्र चाहते हैं कि इसे योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाए. लेकिन बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने आरक्षण प्रणाली का बचाव किया है और उनका कहना है कि संघर्ष में योगदान देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की रूस यात्रा के बाद बदला नजर आ रहा अमेरिका, इस बात पर मांगा समर्थन

Latest News

23 November 2024 Ka Panchang: शनिवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

23 November 2024 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This