US-India: भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों को देख अमेरिका बेचैन हो गया है. अब खबर है कि अमेरिका भारत को तेजस फाइटर जेट में इस्तेमाल होने वाले इंजन की सप्लाई में देरी कर रहा है. जिसके चलते तेजस के प्रोडक्शन में कमी देखने को मिली है. एक्सपर्ट के हवाले से स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इसकी सप्लाई में देरी होती है तो भारत अमेरिका के साथ डील को खत्म का सकता है. स्पुतनिक ने भारतीय वायुसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी के हवाले से लिखा कि यदि अमेरिका भारत के स्वदेशी विमान तेजस के लिए जेट इंजन की आपूर्ति में पिछड़ता रहा तो अमेरिकी विश्वसनीयता दांव पर लग जाएगी और ऐसे में उसके साथ किया गया अनुबंध भी खत्म हो जा सकता है.
सप्लाई न होने पर आईएएफ पर पड़ेगा असर
रिटायर्ड एयर मार्शल एम. माथेस्वरन ने कहा कि अमेरिकी F404 इंजन की सप्लाई में देरी से भारतीय वायुसेना पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि तेजस Mk1 और तेजस Mk1A के 6 स्क्वाड्रन जल्द ही सेवा के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले हैं. वहीं, डिफेंस एक्सपर्ट और भारतीय सेना से मेजर जनरल के पद से सेवानिवृत्त पीके सहगल ने कहा कि भारत के लिए दूरदृष्टि रखना बहुत जरूरी है. 15 साल बाद क्या तकनीक आएगी, इसे भी देखना है. पांचवीं पीढ़ी के अलावा छठी पीढ़ी की तकनीक भी आ सकती है. ऐसे में भारत को भी तकनीक के मामलों में दूसरों से आगे रहना है.
…तो खत्म हो जाएगा भारत-अमेरिका का अनुबंध
एयर मार्शल माथेस्वरन के अनुसार, भारतीय वायु सेना 45 की जगह 32 स्क्वाड्रन से काम चला रही है. अगर तेजस फाइटर जेट की अगली पीढ़ी के Mk2 वर्जन के लिए F414 इंजन भारत में नहीं आया तो अनुबंध खतरे में पड़ जाएगा. वहीं, मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तेजस को बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने जेट के लिए विकल्पों के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. जब तेजस योजना शुरू की गई थी, तब कावेरी इंजन के लिए रूस भारत के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उनका मानना है कि इस क्षेत्र में रूस के साथ साझेदारी निश्चित रूप से भारत के लिए फायदेमंद साबित होगी.
अपनी कैटेगरी का सबसे छोटा फाइटर जेट तेजस
तेजस फाइटर जेट अपनी कैटेगरी का सबसे छोटा और सबसे हल्का जेट है. इसका इस्तेमाल जमीनी हमले, हवा से हवा में युद्ध और वायु रक्षा जैसी कई अहम भूमिकाओं के लिए किया जा सकता है. भविष्य में तेजस Mk1, Mk1A और Mk2 वेरिएंट भारतीय वायुसेना के मिग-21, मिग-29 और जगुआर की जगह लेंगे. इन जेट्स को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बना रही है. तेजस मार्क 2 एक अधिक शक्तिशाली विमान है और इसे एक बड़े इंजन की जरूरत है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने आठ F414 इंजन खरीदे हैं. एयरफोर्स तेजस Mk2 के 6 स्क्वाड्रन बनाना चाहती है और प्रोटोटाइप का टेस्ट 2026 में किए जाने की संभावना है.
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