Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दुःख का मुख्य कारण-आज का मानव दुःखी है, क्योंकि लोग प्रभु को भूल गये हैं। लोग दुःखी हैं, क्योंकि लोग प्रभु के उपकार पर कृतज्ञता का अनुभव नहीं करते।वर्तमान में अधिकतर लोग दुःखी हैं, क्योंकि लोग पाप से नहीं डरते। जो ईश्वर को भूल जाते हैं, वे कभी सुखी नहीं होते हैं।
जो ईश्वर के उपकार को भूल जाते हैं, उनका कभी कल्याण नहीं होता। जिसको पाप से डर लगता है, उसका मन अवश्य शान्त होता है।कुछ लोग मानते हैं कि थोड़ा-सा झूठ बोलने या बुरा काम करने से पाप नहीं लगता है और जो थोड़ा बहुत पाप होता भी है वह मंदिर में भोजन का थाल चढ़ा देने से समाप्त हो जायेगा,परन्तु यह धारणा असत्य है।
यदि पाप का प्रायश्चित किया जाए और भविष्य में पाप न करने का संकल्प किया जाए तो पाप भस्म होते हैं और सुख शान्ति प्राप्त होती है। संग्रह और परिग्रह में ही रचे-पचे को जरासन्ध कहते हैं। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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