NEET Paper Leak: मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ से जुड़े मामले पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. उक्त बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार (22 जुलाई) को लोकसभा में कही. उन्होंने कहा, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, इस बार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 4,700 केंद्रों पर हुई थी, लेकिन सिर्फ एक जगह बिहार में गड़बड़ी का मामला सामने आया.
‘हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है
पूरक प्रश्न पूछते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने दावा किया कि पिछले सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है. उनका कहना था, ‘‘पेपर लीक का मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष है. प्रधान न्यायाधीश इसकी खुद सुनवाई कर रहे हैं.’’ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. सब कुछ सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध है.’’
2010 में पहली बार नीट का फैसला किया गया था
द्रमुक सांसद कलानिधि वीरास्वामी ने नीट परीक्षा को निरस्त करने की मांग उठाई. इसके जवाब में प्रधान ने कहा कि 2010 में पहली बार नीट का फैसला किया गया था. सबको पता था कि उस समय सरकार में कौन था और कौन समर्थन कर रहा था. शिक्षा मंत्री का कहना था, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा कराने का दो बार निर्देश दिया था. इसी के अनुसार यह परीक्षा जारी.’’ धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2010 में जो लोग फैसले करने में शामिल थे, अब वही सवाल खड़े कर रहे हैं.
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