Astronaut Sunita Williams: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जहां करीब डेढ़ महीने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसी हैं. वहीं वैज्ञानिकों ने एक खतरे की आशंका जताई है. दरअसल, बैरी विल्मोर के साथ सुनीता विलियम्स जहां फंसी हुई हैं, वहां पर एक बहुत बड़ा खतरा मौजूद है, जिसे सुपरबग के नाम से जाना जाता है. वैज्ञानिकों ने हाल ही में इस सुपरबग के बारे में पता लगाया है.
भारत की आईआईटी मद्रास और नासा की जेट प्रपल्शन प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष में एक ऐसा बैक्टीरिया मौजूद है, जो कई बार म्यूटेशन करके बहुत शक्तिशाली बन गया है. इस बैक्टीरिया के स्पेस स्टेशन पर होने के चलते इसे स्पेसबग भी कहा जा रहा है. जबकि वैज्ञानिकों की भाषा में इसे एंटरोबैक्टर बुगंडेंसिस नाम दिया गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बैक्टेरिया पृथ्वी पर मौजूद बैक्टीरियों से बिल्कुल अलग वातारवरण में है, जो दवाओं प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकता है. इसी को लेकर उनकी चिंता बढ़ी हुई है.
अन्य जीवों से अलग सुपर बग
आसान शब्दों में कहा जाए तो यह एक ऐसा बैक्टीरिया हैं, जिसपर दवाओं का कोई प्रभाव नहीं होता है. जिसके वजह से यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. वहीं वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया अंतरिक्ष पर सुपरबग अन्य छोटे जीवों से अलग क्रिया कर रहा है, जिसका अंतरिक्ष यात्रियों पर बुरा प्रभाव देखा गया है.
इंसानों के लिए अनूकूल नहीं अंतरिक्ष का वातावरण
उन्होंने बताया कि अतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद सुपर बग अंतरिक्ष यात्रियों के स्वसन प्रणाली पर प्रभाव डालता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि जो बैक्टेरिया अंतरिक्ष में म्यूटेशन करने की क्षमता नहीं रखते वो तो नष्ट हो जाते हैं, लेकिन यह म्यूटेशन कर रहा है, ऐसी स्थिति में यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि मानव जीवन के लिए अंतरिक्ष का वातावरण काफी खतरनाक है, अंतरिक्ष में मनुष्य की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है. ऐसी स्थित में अगर सुपर बग अंतरिक्ष यात्रियों पर हमला करता है, तो वह उनके लिए बड़े खतरे कि घंटी होगी.
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