UAE-China Joint Exercises: इन दिनों यूएई और चीन की वायुसेना युद्धाभ्यास कर रही हैं. यह युद्धाभ्यास चीन में किया जा रहा है, जिससे भारत की टेंशन को बढ़ी हुई है. भारत से सटे लद्दाख बॉर्डर पर यूएई के छह मिराज-2000 विमानों की मौजूदगी एक ओर जहां भारत कर सिरदर्द बनी हुई है, वहीं इससे ताइवान की भी नींद उड़ी हुई है.
इस युद्धाभ्यास को लेकर कहा जा रहा है कि चीन अपने रडार से मिराज को ट्रैक करने की एक्सरसाइज कर रहा है. दरअसल, 10 जुलाई को शिनजियांग प्रांत में चीन और यूएई की सेना ने दूसरे अभ्यास फाल्कन शील्ड की शुरुआत की. इसकी जानकारी चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने दी. लेकिन उन्होंने इस अभ्यास को होस्ट करने वाले एयरबेस की पहचान नहीं बताई.
भारत की बढ़ी चिंता
बता दें कि ये दोनों देश शिनजियांग में होटान हवाई अड्डे पर अभ्यास कर रहे है, जो लद्दाख के नजदीक है. यही वजह है कि भारत की टेशन बढ़ी हुई है. वहीं, इस अभ्यास से कुछ महीने पहले ही यहां चीन ने जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान की तैनाती की थी. लेकिन कहा जा रहा है कि चीन अपने रडार से मिराज (Mirage 2000) को ट्रैक करने के अभ्यास में जुटा हुआ है.
चीन के लिए फायदे का सौदा
दोनों देशों के बीच जारी इस युद्धाभ्यास के लिए चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व जे-10सी और जे-16 लड़ाकू विमान कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार ये अभ्यास चीन के लिए कई मायनों में खास है क्योंकि यूएई चीनी सैन्य विमानों का खरीदार है. ऐसे में चीन को इस संयुक्त अभ्यास के जरिए संभावित सूचना प्राप्त करने का भी मौका मिलता है. बता दें कि चीन इस अभ्यास की मदद से मिराज विमानों की ताकत और रडार को जांचने का भी काम करता है.
ये भी पढ़ें:-Sri Lanka: पूर्व सेना प्रमुख ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का किया ऐलान, LTTE के विनाश का बने थे कारण