Kargil Vijay Diwas: वॉर मेमोरियल पहुंचे PM मोदी, कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kargil Vijay Diwas: 25वें कारगिल विजय दिसव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. आपको बता दें कि 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इस दिन को हर वर्ष कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट करेंगे. शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल भी शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा.

इससे लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकेगी. दुनिया की यह सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज व कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी.

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर लामोचेन (द्रास) में भव्य कार्यक्रम हुआ. इसमें कारगिल युद्ध नायकों की वीरगाथा का बखान किया गया. थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी मुख्य अतिथि रहे. कार्यक्रममें सेना की उत्तरी कमान के सभी प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत माइक्रोलाइट नोड गया के फ्लाइंग रैबिट्स के फ्लाईपास्ट से हुई. कारगिल युद्ध की घटनाओं का ऑडियो विजुअल चलाया गया. इसमें कारगिल युद्ध की पूरी कहानी बताई गई. भीषण युद्धों वाले पहाड़ों की पृष्ठभूमि में जीवंत वर्णन ने प्रत्येक युद्ध के दृश्य को जीवंत कर दिया.

पूरा कार्यक्रम स्थल सैनिकों की बहादुरी और बलिदान की गाथाओं से गूंज उठा. युद्ध नायकों, वीर नारियों, वीर माताओं और युद्ध के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों के रिश्तेदारों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई. कारगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों ने सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में कठोर मौसम की स्थिति में लड़ाई लड़ी, जिसके परिणामस्वरूप द्रास, कारगिल और बटालिक सेक्टरों में दुश्मन को हार का सामना करना पड़ा था.

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