Myanmar Conflict: म्यांमार में विद्रोह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. म्यांमार की सेना को हराकर विद्रोही लगातार आगे बढ़ रहे है. ऐसे में ही उन्होंने चीन की सीमा के पास एक प्रमुख क्षेत्रीय सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है, जिससे म्यांमारी सेना की सबसे बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है.
म्यांमार सेना की सबसे बड़ी हार
वहीं, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी का कहना है कि उसने सरकारी सैनिकों के साथ 23 दिनों की लड़ाई के बाद जीत हासिल की है. विद्रोहियों ने सरकारी सैनिकों को हराकर चीन से सटे लैशियो शहर पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद उन्होंने दावा किया है कि हमारी सेना ने जीत हासिल कर दुश्मन सैनिको को पीछे हटा रही है.
सेना के बयान में कहा गया कि स्थानीय लोग शांत रहें और नियमों का पालन करें. हालांकि न्यूज पोर्टल म्यांमार नाउ ने म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी का लैशियो में कब्जा करने की पुष्टि की.
विद्रोहियों ने चलाया आंदोलन
दरअसल, म्यांमार में कुछ हफ्तों से गृहयुद्ध चल रहा है. ऐसे में म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी उन अल्पसंख्यक विद्रोही समूहों में से है, जो सेना को उन क्षेत्रों से हटाने के लिए लड़ रहे हैं, जिन्हें वे अपना क्षेत्र मानते हैं. जिसके लिए विद्रोहियों ने एक आंदोलन चलाया, जिसने जुंटा के शासन को कमजोर किया. वहीं, धीरे-धीरे यह लड़ाई गृहयुद्ध में बदल गई. वहीं, संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध के चलते करीब 26 लाख से अधिक लोग म्यांमार से विस्थापित हुए हैं. जबकि कई लोगों को वहां रहने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है.
पूरे देश को तबाह कर रहा युद्ध
देखा जाएं तो म्यांमार में यह लड़ाई 2021 के बाद से ही शुरू हो गई थी. म्यांमार की सेना ने यहां अस्थायी लोकतंत्र के बाद 2021 में सत्ता में वापसी की. लेकिन अब यह युद्ध पूरे देश को तबाह कर रहा है, मगर सेना हार मामने को तैयार नहीं है. इस युद्ध में चीनी विदेश मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप किया, लेकिन उसका भी कोई समाधान नहीं हुआ.
ये भी पढ़ें:-Pakistan TTP Conflict: देश में आतंकी संगठनों के हमले का जिम्मेदार खुद पाकिस्तान, डिफेंस एक्सपर्ट ने दिखा दिया आईना