US News: पाकिस्तान में चीन का पूंजीनिवेश बीती (भूतकाल की) बात हो गई, अब पाकिस्तान के विकास के लिए हम भविष्य हैं. उक्त बाते अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने सांसदों की समिति के समक्ष कही है. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती चीन की पैठ पर चिंता जताई है. कई सांसदों ने पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और अन्य मध्य-दक्षिण एशियाई देशों में चीन के निवेश पर चिंता जताते हुए लू से प्रश्न पूछे थे. उत्तर में लू ने कहा, चीन हर देश में सैन्य अड्डे बनाने और प्रत्येक परियोजना से भारी लाभ कमाने की नीयत से कार्य कर रहा है.
चीन प्राकृतिक संसाधनों पर भी करता जा रहा कब्जा
इसके लिए वह कर्ज देकर देशों पर दबाव बढ़ा रहा है, साथ ही वहां पर अपने कर्मियों की संख्या बढ़ाता जा रहा है. जिन देशों में चीन परियोजना स्थापित करता है, वहां के लोगों को संचालन का प्रशिक्षण नहीं देता है. इससे उस परियोजना को संचालित करने के लिए हमेशा चीनी कर्मियों की जरूरत बनी रहेगी और संबंधित देश भी चीन पर निर्भर रहेगा. इतना ही नहीं चीन कर्ज लेने वाले देश के प्राकृतिक संसाधनों पर भी कब्जा करता जा रहा है.
बदले में चीन परियोजना स्थल के आसपास के लोगों के कल्याण के लिए कोई कार्य नहीं करता है. इस नीति पर चलते हुए चीन पाकिस्तान में 26 अरब डालर का निवेश कर चुका है. लेकिन, चीन अब वहां पर निवेश बढ़ाना नहीं चाहता है. इस दौरान सांसद रिच मैककार्मिक ने पाकिस्तान में विदेशी निवेश डूबने की भी आशंका जताई।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान के साथ संबंध बढ़ाने पर भारत के साथ अमेरिका के संबंध प्रभावित हो सकते हैं, जो (भारत) तेजी से विकास करता देश है. लू ने माना कि अमेरिका पाकिस्तान में कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति बाइडन से पाकिस्तान के लिए 10 करोड़ डालर की धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया है. इस धनराशि से हम पाकिस्तान में लोकतंत्र और सामाजिक संस्थाओं को मजबूत करने का कार्य करेंगे. साथ ही उसे आर्थिक सुधारों के लिए सहायता देंगे.
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