US News: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार भगवान श्रीराम का नाम गुंजेगा. आध्यात्मिक नेता मोरारी बापू यूएन मुख्यालय में रामचरितमानस का रस घोलेंगे. मोरारी बापू ने एक इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी. एक ओर जहां आज का भारतीय युवा अपनी पौराणिक कथाओं, वेदों और पुराणों को मानने से इंकार कर रहा है, वहीं संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने न्यूयॉर्क में प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू को पावन कथा श्री रामचरितमानस का पाठ करने के लिए आमंत्रित किया है.
रामचरितमानस का वैश्विक संदेश
पिछले 65 वर्षों से अधिक समय से रामकथा का पाठ कर रहे मोरारी बापू ने एक इंटरव्यू में कहा कि रामचरितमानस धार्मिक व सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक वैश्विक संदेश देता है. उन्होंने कहा कि यह सत्य, करूणा और प्रेम जैसे सार्वभौमिक मूल्यों की बात करता है जिनकी आज की दुनिया में आवश्यकता है. मोरारी बापू ने कहा कि यूएसए में रामचरितमानस का पाठ दैवीय कृपा है और यह वैश्विक सद्भाव की ओर एक कदम है. कथावाचक मोरारी बापू ने बताया कि यह पहली बार है कि न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राम कथा का आयोजन हो रहा है. यह अनुभव किसी सपने के पूरा होने जैसा है.
इन देशों में घोला रामकथा का रस
बता दें कि मोरारी बापू ने श्रीलंका, साऊथ अफ्रीका,केन्या, इंडोनेशिया, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, इजराइल और जापान जैसे देशों में रामचरितमानस का रस घोला है. उनका कहना है कि हम सब मनुष्य को इस धरती पर, जिसे हम वसुधैव कुटुंबकम् कहते हैं वहां पर प्यार , शांति , सौहार्द और सच्चाई के साथ अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए. श्री रामकथा का आयोजन कर हम सभी के लिए परम शांति और कल्याण की प्रार्थना करते हैं.
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