Sukhoi Su-75 Checkmate: रूस अपने पुराने मिग-29 लड़ाकू विमानों के बेड़े की जगह भारत को Su-75 चेकमेट लाइट टैक्टिकल फाइटर बेचना चाहता है. लेकिन इसपर भारत ने अपनी कोई दिल्चस्पी नहीं दिखाई है. दरअसल भारत को Su-75 को लेकर अनिश्चितता है क्योंकि अभी तक इस हल्के लड़ाकू विमान ने अपनी पहली उड़ान भी नहीं भरी है.
बता दें कि रूस ने पहली बार 2021 में चेकमेट मॉडल का प्रदर्शन किया था. उस वक्त संभावना जताई जा रही थी कि भारत भी उनकी परियोजना में दिलचस्पी ले सकता है. हालांकि उस समय तक लड़ाकू विमान केवल एक मॉक-अप के रूप में ही मौजूद था और इसका कोई वास्तविक प्रोटोटाइप नहीं था. ऐसे में इनका इस वक्त तैयार करना संदेह का कारण बना हुआ है.
रूसी विमानों से दूरी बना रहा भारत
दरअसल, भारत का उद्देश्य लड़ाकू विमानों में रूस निर्भरता की जगह खुद से निर्माण करके आत्मनिर्भर बनना है. ऐसे में यह ध्यान देना बेहद ही आवश्यक है कि रूस को Su-57 पर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की परियोजना पर भारत के साथ सहयोग करना था, लेकिन भारत 2018 में इससे पीछे हट गया था. इससे यह साफ स्पष्ट होता है कि भारत रूसी विमानों से दूरी बनाए रखना चाहता है.
नए विमानों को विकसित करना एक महंगा उपक्रम
ऐसे में ही रूस ने 2018 में भारत के पीछे हटने के बाद ही Su-75 हल्के लड़ाकू विमान पर काम शुरू किया. इसके लिए रूस भारत को खरीदार के रूप में सुरक्षित करना चाहता है. दरअसल, रूस का नए विमानों को विकसित करना एक महंगा उपक्रम है, ऐसे में ग्राहक पहले से तय हो तो इस बोझ को कम कर सकते हैं.
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