Pakistan: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने कर्ज मिलने के बाद अभी और राहत की उम्मीद कर रहा है. दरअसल, पाकिस्तान ने अपने दोस्त देशों चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से कर्ज में राहत देने की गुजारिश की है. साथ ही कर्ज की समयसीमा 3 से पांच साल तक बढ़ाने की बात कही है.
बता दें कि पाकिस्तान ने इन देशों से 27 अरब डॉलर का कर्ज लिया है. ऐसे में वो चाहता है कि चीन, सऊदी और यूएई 12 अरब डॉलर से अधिक के सालाना कर्ज को 3 से 5 साल तक के लिए बढ़ा दें और इसी सिलसिले में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब 25 जुलाई को बीजिंग भी गए थे. औरंगजेब ने कहा कि इस मामले को लेकर तीनों देशों से कर्ज की समयसीमा बढ़ाने के लिए कहा गया है, जिससे अगले महीने इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) से आर्थिक मदद के लिए 7 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी मिल सके.
आईएमएफ ने कहा…
दरअसल, आईएमएफ ने पिछले महीने ऐलान किया था कि उसने पाकिस्तान को 7 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने के लिए उसके साथ स्टाफ स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि यह कर्ज 37 महीनों के लिए दिया जाएगा. इसके साथ ही इसमें कड़ी शर्तें भी जोड़ी गईं, जिसके तहत आईएमएफ के बोर्ड की तरफ से लोन के लिए अंतिम मंजूरी दिए जाने से पहले पाकिस्तान को कई पूर्व कार्रवाई करनी होंगी.
वार्षिक कर्ज के पुनिर्धारण का किया आग्रह
बता दें कि पाकिस्तान ने चीन से 5 अरब डॉलर, सऊदी अरब से 4 अरब डॉलर और यूएई से 3 अरब डॉलर की लिमिट बढ़ाने के लिए आग्रह किया है. इसके अलावा चीन से ऊर्जा क्षेत्रों में 15 अरब डॉलर के कर्ज की रिशिड्यूलिंग और आयात किए गए कोल आधारिक प्रोजेक्ट को लोकल कोल में बदलने का भी आग्रह किया.
वित्तमंत्री ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान की फोरेन एक्सचेंज की कठिनाइयों को समझा है. ऐसे में वह नए बिजनेस वेंचर तथा ऊर्जा सेक्टर के भुगतानों की रि-प्रोफाइलिंग में पाकिस्तान का सहयोग करना चाहता है. मोहम्मद औरंगजेब ने यह भी कहा कि आईएमएफ बोर्ड मीटिंग से पहले पाकिस्तान को तीनों देशों से बाहरी वित्तपोषण की पुष्टि सुनिश्चित करनी होगी.
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