Israel-Iran War: जिस देश ने दिया इजराइल का साथ, उसे अब भारत के रास्ते मिला बड़ा सम्मान

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Israel-Iran War: ईरान-इजराइल वॉर के समय मुस्लिम देश जॉर्डन ने इजराइल का साथ दिया था. जार्डन इजराइल के साथ ईरान के खिलाफ वॉर में उतरा था और उसके ड्रोन को रोका था. इस जॉर्डन देश को अब भारत के रास्ते बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है. इस सम्मान के चलते आने वाले सालों में जॉर्डन की इकोनॉमी को विशेष फायदा होगा.

जॉर्डन ने दिया था इजराइल का साथ

दरअसल, हाल ही में अप्रैल में ईरान और इजराइल के बीच वॉर शुरू हो गया था. ईरान और इजराइल की जंग में जॉर्डन ने इजराइल का साथ दिया था. इस दौरान ईरान ने जवाबी हमले में इजराइल पर ड्रोन बरसाए थे. तब जॉर्डन ने ईरान के ड्रोन को इजराइल तक पहुंचने से रोका था. ईरान-इजराइल के इस वॉर के दौरान ईरान के हमले को रोकने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन आगे आए थे.

बताते चले कि जॉर्डन की सीमाएं सीरिया, सऊदी अरब, ईराक और इजराइल से लगती हैं. यह देश ईरान और इजराइल के बीच मौजूद है और जॉर्डन से इजराइल महज 416 किलोमीटर की दूरी पर है. मुस्लिम देश जॉर्डन ने इजराइल की मदद के बाद अपने इस कदम के पीछे सफाई पेश करते हुए जॉर्डन ने कहा था कि उसने आत्मरक्षा के लिए यह कदम उठाया है.

जॉर्डन को मिला बड़ा सम्मान

मुस्लिम देश जॉर्डन को हाल ही में भारत के रास्ते एक बड़ा सम्मान मिला है. राजधानी दिल्ली में पहली बार 21 से 31 जुलाई तक संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक हो रही है. यह बैठक भारत मंडपम में आयोजित की जा रही है. इसी बैठक में जॉर्डन के एक गांव को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है. जॉर्डन के छोटे से गांव उम्म अल-जिमल को रविवार को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का हिस्सा बनाया गया है. वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने कहा, उम्म अल-जिमल गांव एक ऐतिहासिक धरोहर है, यह जगह नबातियन साम्राज्य का हिस्सा हुआ करती थी.

जानिए गांव का इतिहास

यह गांव जॉर्डन-सिरीयन बॉर्डर पर मौजूद है और राजधानी अम्मान से 86 किलोमीटर दूर है. अपने इतिहास के साथ-साथ यह जगह काले रंग के वोल्केनो रॉक के लिए भी जानी जाती है. इस गांव का नाम ऊंट के नाम पर रखा गया है. इस इलाके में पहले नबातियन लोगों ने बसना शुरू किया था, जिसके बाद यहां रोम के लोग बसने लगे और उन्होंने इस गांव को खेती के लिए महत्वपूर्ण माना था.

यूनेस्को के इस कदम पर खुशी जाहिर करते हुए जॉर्डन के टूरिज्म मंत्री मकरम अल-कैसी ने कहा, एक और साइट के हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल होने पर हमें काफी गर्व हैं. उन्होंने कहा इस कदम से देश में टूरिज्म बढ़ेगा.

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