International News: जापान के टोक्यो में हुई क्वाड नेताओं की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया. इस बैठक में क्वाड देशों के नेताओं ने एक सुर में चीन को सख्त संदेश दिया. क्वाड समूह ने कहा कि कोई भी देश किसी दूसरों पर हावी नहीं हो सकता है. इस बयान के जरिए क्वाड देशों ने चीन की बढ़ती आक्रामकता और प्रभाव को चुनौती दी है.
दरअसल, क्वाड में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका देश शामिल है. ये सभी देश इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए होते हैं. वहीं, चीन इंडो पैसिफिक में अपनी दावेदारी लगातार बढ़ा रहा है. यही वजह है कि क्वाड नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना ही होगा और किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई करने से बचना होगा. इस संदर्भ में, क्वाड ने चीन की गतिविधियों को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए अपने सख्त रुख का प्रदर्शन किया.
चीन की आक्रामकता पर क्वाड में चर्चा
बता दें कि क्वाड के इस बयान के पीछे चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसका विस्तारवादी रवैया है. हाल के सालों में दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में अपनी सेना की मौजूदगी को बढ़ाया है. इतना ही नहीं चीन ने ताइवान और दूसरे पड़ोसी देशों के खिलाफ भी इस रवैया को अपनाया और आक्रामक कदम उठाए हैं. चीन के रवैये से न केवल शांति खतरे में पड़ी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री रास्ते पर सुरक्षा के सवाल भी खड़े हुए हैं.
क्या है क्वाड का उद्देश्य?
गौरतलब है कि क्वाड में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. इसकी शुरुआत साल 2017 में हुई थी. क्वाड के बनने का मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना था. हालांकि, शुरू में इसको ज्यादा महत्वता नहीं दी गई, लेकिन हाल के सालों में चीन की आक्रामक नीतियों के चलते क्वाड की सक्रियता बढ़ गई है. क्वाड में शामिल चारों देश मिलकर इंडो- पैसिफिक में स्वतंत्रता, लोकतंत्र और नियम आधारित व्यस्था को बनाए रखने का काम करते हैं.
द प्रिंटलाइंस-