पेमेंट सिस्टम को लेकर RBI का बड़ा एक्श‍न, इन नियमों का करना होगा पालन

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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RBI Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पेमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने को लेकर एक्‍शन मोड में हैं. मंगलवार को नए गाइडलाइन जारी करते हुए आरबीआई ने कहा कि नॉन-बैंक‍ पेमेंट सिस्‍टम से जुड़े परिचालकों को संदिग्ध लेनदेन गतिविधियों की पहचान और इस बारे में सतर्क करने के लिए वास्तविक समय पर धोखाधड़ी निगरानी उपाय करने होंगे. एक खबर के अनुसार, गैर-बैंक पीएसओ के लिए साइबर मजबूती और डिजिटल भुगतान सुरक्षा नियंत्रण पर जारी ‘मास्टर’ यानी मूल गाइडलाइन का पालन करना होगा.

मोबाइल एप्लिकेशन को लेकर आरबीआई का बड़ा कदम

रिजर्व बैंक ने कहा कि गैर-बैंक भुगतान व्यवस्था से संबद्ध परिचालकों (पीएसओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि अगर मोबाइल एप्लिकेशन का इस्‍तेमाल नहीं हो रहा है तो एक निश्चित अवधि के बाद वह खुद ही बंद हो जाए और कस्‍टरमर्स को फिर से लॉगिन करने की जरूरत पड़े. आरबीआई का यह गाइडलाइन मंगलवार से प्रभावी हो गया है. आरबीआई ने पीएसओ को आवश्‍यक अनुपालन संरचना तैयार करने के लिए पर्याप्त समय देने के उद्देश्‍य से चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन भी निर्धारित किया है.

प्रभावित लेनदेन वापस कर दिया जाएगा

केंद्रीय बैंक ने कहा कि निर्देशों का उद्देश्‍य साइबर मजबूती पर जोर के साथ ही पूरी सूचना सुरक्षा तैयारियों के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान कर पीएसओ की पेमेंट सिस्‍टम सिक्‍योरिटी में सुधार करना है. आरबीआई ने मोबाइल भुगतान के संबंध में कहा कि पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहक के साथ बातचीत के समय एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल के साथ प्रमाणित सत्र बरकरार रहे. रिजर्व बैंक ने निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी हस्तक्षेप की स्थिति में यदि ग्राहक मोबाइल एप्लिकेशन बंद कर देता है, तो सेशन खत्म कर दिया जाएगा और प्रभावित ट्रांजेक्‍शन का समाधान किया जाएगा या उसे वापस कर दिया जाएगा.

तब ग्राहकों को फिर से लॉगिन करना होगा

आरबीआई ने कहा कि पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निष्क्रियता की एक निश्चित अवधि के बाद एप्लिकेशन पर ऑनलाइन सत्र खुद-ब-खुद बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगिन करने करने की आवश्‍यकता हो. बैंक ने कहा कि कार्ड नेटवर्क को कार्ड, बैंक पहचान संख्या (बीआईएन) के साथ ही कार्ड जारीकर्ता स्तर पर लेनदेन सीमा को क्रियान्वित करने की सुविधा देनी चाहिए.

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