Solar Eclipse: खगोलीय घटनाओं में सबसे अद्भूत सूर्य ग्रहण है, क्योंकि यह हमारे सौरमंडल में सबसे नजदीक होता है और इससे सीधे तौर पर पृथ्वी प्रभावित होती है. इस साल दो सूर्य ग्रहण लगने वाले थे जिसमें से एक 8 अप्रैल को लग चुका है. वहीं दूसरा सूर्यग्रहण अक्टूबर में लगने वाला है. सूर्य ग्रहण ऐसी खगोलीय घटना हैं, जिसका वैज्ञानिकों के साथ ही आम लोग भी इंतजार करते हैं. इससे आसमान में हमें अनोखा नजारा दिखाई देता है. ऐसे में आइए जाने कि अगले सूर्य ग्रहण के बारे में…
सूर्य ग्रहण क्या होता है?
सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा औसत से ज्यादा पृथ्वी के पास होता है और पृथ्वी और सूर्य के बीच से सीधे गुजरता है. इस वजह से सूर्य का प्रकाश रूक जाता है और पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ जाती है. पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने पर पृथ्वी पर पूरी तरह अंधेरा हो जाता है. अंतरिक्ष से पृथ्वी पर एक विशाल परछाई दिखाई देती है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
दूसरा सूर्य ग्रहण कब है?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को दिखाई देगा. यह दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के एक छोटे भाग में दिखेगा. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. भारत में सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और मध्यरात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि छह घंटे की होगी. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिस वजह से हमें रिंग ऑफ फायर दिखाई देगी.
वलयाकार सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता है और इसका कुछ भाग दिखाई देता है, तो इससे आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देती है. इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है. वहीं जब सूर्य को चंद्रमा पूरी तरह ढक लेता है तो यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने पर हमें सूर्य का कोरोना भी दिखाई देता है. अक्टूबर में लगने वाला वलायाकार सूर्य ग्रहण अर्जेंटीना और चिली में पूरी तरह दिखाई देगा. वहीं बाकी दक्षिण अमेरिका में यह आंशिक दिखेगा.
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