UN News: मोबाइल से भारत के 80 करोड़ लोग आए गरीबी से बाहर, UN में हुई सराहना
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत की डिजिटल क्रांति और देश के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच से छह वर्षों में 800 मिलियन यानी 80 करोड़ भारतीय 'सिर्फ स्मार्टफोन के इस्तेमाल से' गरीबी से बाहर आ गए हैं.
उन्होंने बताया कि कैसे ग्रामीण लोगों की पहुंच पहले बैंकिंग या भुगतान प्रणाली तक नहीं थी. अब स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर वह बिल का भुगतान, ऑर्डर और पेमेंट लेने में सक्षम हैं.
फ्रांसिस ने खाद्य एवं कृषि संगठन में 'वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए भूखमरी को समाप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाना' विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ.
इसमें उन्होंने कहा, 'डिजिटलीकरण तीव्र विकास के लिए आधार प्रदान करता है. उदाहरण भारत का लें. पिछले 5-6 साल में भारत केवल स्मार्टफोन के उपयोग से 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सक्षम रहा है.'
उन्होंने भारत में इंटरनेट की हाई स्पीड के साथ अच्छी पहुंच का जिक्र किया. देश के विकास के लिए स्मार्टफोन को प्रमुख कारण बताया.
साथ ही बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच भी. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य वैश्विक दक्षिण देशों को भी डिजिटलीकरण को अपनाने के लिए कदम उठाने होंगे.
उन्होंने कहा, 'भारत में ग्रामीण किसान, जिनका कभी बैंकिंग प्रणाली से कोई संबंध नहीं था, अब अपने सभी व्यवसायों को अपने स्मार्टफोन पर करने में सक्षम हैं. वे अपने बिलों का भुगतान करते हैं और ऑर्डर के लिए पेमेंट प्राप्त करते हैं.
भारत में इंटरनेट की पहुंच उच्च स्तर पर है क्योंकि लगभग सभी के पास सेलफोन है.' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन वैश्विक दक्षिण के कई हिस्सों में ऐसा नहीं है. इसलिए, समानता की मांग होनी चाहिए.
डिजिटलीकरण के लिए वैश्विक ढांचे पर बातचीत के शुरुआती कदम के रूप में इस असमानता को दूर करने के लिए कुछ प्रयास और पहल होनी चाहिए.'
पिछले 10 साल से पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार का मुख्य फोकस डिजिटलीकरण रहा है.
साल 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद से डिजिटल भुगतान में तेजी देखी गई है, जिसमें UPI का बड़ा योगदान रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से डिजिटलाइजेशन को अपनाने का आग्रह किया. जन धन, आधार और मोबाइल को जोड़ा गया.
इस पहल के तहत लाखों लोगों ने अपने बैंक खाते खोले हैं, जिनमें ग्रामीण भारत के लोग भी शामिल हैं.
बैंक खातों को आधार से जोड़ दिया गया है और लोग केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने भुगतान सीधे अपने बैंक खातों में प्राप्त कर सकते हैं.