Assam Rifles: पिछले कुछ महीनों से जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है. जम्मू में पाकिस्तान से लगती इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्थित सांबा जिला आतंकियों के घुसपैठ के लिए नया रास्ता बनकर उभरा है. आतंकी घुसपैठ के लिए सांबा जिले के उत्तर और कश्मीर के पुराने रूट का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं अब आतंकियों का सफाया करने के लिए गृह मंत्रालय ने एक फैसला किया है. अब जम्मू में असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया जाएगा. असम राइफल्स के दो बटालियन, जिसमें दो हजार सैनिक होंगे, को जम्मू भेजा जाएगा.
जंगल वारफेयर में माहिर हैं ये जवान
बता दें कि असम राइफल्स के जवान जंगल वारफेयर में पारंगत है. जंगल में सर्च ऑपरेशन करना, पहाड़ों पर चढ़ना, गुफाओं में ढूंढना और किसी भी ऑपरेशंस में मुश्किल हालातों से निपटने में असम राइफल्स के जवान माहिर होते हैं. असम राइफल्स के जवानों की कुशलता को देखते हुए जम्मू में इनकी तैनाती की जा रही है. जम्मू में तैनात असम राइफल्स की जवानों में महिला सैनिक भी होंगी. गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स के हेडक्वॉर्टर को मूव करने का निर्देश दे दिया है.
जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ी
इससे पहले केंद्र सरकार ने ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियन को जम्मू क्षेत्र में तैनात करने का आदेश दिया था. बीएसएफ की इन दोनों बटालियन को जम्मू रीजन में इंटरनेशनल बॉर्डर पर पहले से अग्रिम पंक्ति पर तैनात इसकी इकाइयों के पीछे रक्षा की दूसरी पंक्ति के तौर पर तैनात किया गया, ताकि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और अंदरूनी क्षेत्र में इन अराजक तत्वों द्वारा किए जाने वाले हमलों को रोका जा सके.
सुरक्षा को लेकर जम्मू रीजन पर विशेष ध्यान
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) भारत के पश्चिमी भाग में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी 2,289 किमी से अधिक लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर की रक्षा करता है. इस सीमा का 485 किलोमीटर हिस्सा जम्मू क्षेत्र में है, जो घने जंगलों और पहाडि़यों से घिरा हुआ है. इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास करीब एक दर्जन बीएसएफ बटालियन की तैनाती की गई है. राजौरी, पुंछ, उधमपुर, रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में इस साल हुए आतंकी हमलों के बाद जम्मू रीजन में सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है.
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