Life On Mars: मंगल ग्रह को लेकर अक्सर नए नए दावे किए जाते है, कोई मंगल ग्रह पर जीवन होने की बात करता है तो कोई इस ग्रह पर अपना वायुमंडल होने की. ऐसे में हाला ही में नासा ने भी एक बेहद ही चौकाने वाला दावा किया है.
दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover) को मंगल ग्रह पर भेजा था, इस दौरान उसे वहां पर जीवन के कई सबूत मिले है. हालांकि नासा ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है. लेकिन लंबे समय से अमेरिका समेत दुनियाभर के कई वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन के खोज में जुटे हुए है.
चेवाया फॉल्स रॉक की खोज
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने चेवाया फॉल्स रॉक की खोज की है, जिससे पता चलता है कि प्रचीन समय में इस ग्रह पर जीवन था. क्यूरियोसिटी रोवर ने 30 मई, 2024 को मंगल ग्रह पर आकर्षक पीले सल्फर क्रिस्टल भी खोजे. इस दौरान लोहे और सल्फर जैसी संरचनाओं के भी मिलने का दावा किया गया है, जो जीवन के लिए बेहद ही आवश्यक है.
मंगल ग्रह पर पीले सर्फर क्रिस्टल
आपको बता दें कि इससे पहले कभी भी मंगल ग्रह पर पीले सर्फर क्रिस्टल नहीं पाए गए थे. वैसे नासा का क्यूरियोसिटी रोवर गेडिज वैलिस चैनल की खोज कर रहा था लेकिन उसे इस दौरान पीला सल्फर भी मिला. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि क्यूरियोसिटी रोवर से गलती से एक चट्टान टूट गई, जिसके भीतर शुद्ध सल्फर क्रिस्टल पाए गए. खास बात ये है कि शुद्ध सल्फर पृथ्वी पर ज्वालामुखी और हाइड्रोथर्मल गतिविधियों के दौरान निकलता है. ऐसे में मंगल ग्रह पी शुद्ध सल्फर क्रिस्टल की मौजूदगी जैविक गतिविधियों की ओर इशारा करती है.
तीर के आकार की थी चट्टान
वैज्ञानिको के अनुसार, नासा के क्यूरियोसिटी रोवर से जो चट्टान टूटी उसकी लंबाई 3.2 फीट थी. इस दौरान रोवर को हेमटाइट और पिग व्हाइट कैल्शियम सल्फेट विंसलेट भी मिला. वहीं, कई वैज्ञानिको का मानना है कि जरूरी तत्वों का निर्माण तब हुआ जब यहां पानी बहता था.