Kedarnath Dham: केदारघाटी में बुधवार को आई आपदा के बाद से केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग व पड़ावों पर फंसे तीर्थयात्रियों का हेलीकॉप्टर के द्वारा रेस्क्यू जारी है. आपदा को आए आज चार दिन हो गए फिर भी सभी लोगों को यहां से बाहर नहीं निकाला जा सका है.
सेना ने संभाला मोर्चा
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. वहीं अब रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है. दरअसल, जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशंस में मदद करेगी.
बता दें कि प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है, जिसकी जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
1000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
वहीं, शनिवार को मौसम अनुकूल न होने के चलते वायुसेना के मालवाहक हेलीकाप्टर चिनूक और एमआइ 17 उड़ान नहीं भर पाए. जबकि छोटे हेलीकाप्टरों से भीमबली, चीरवासा में और लिनचोली में फंसे तीर्थयात्रियों में से 1000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
1000 तीर्थयात्री अब भी फंसे
वहीं, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मंदिर समिति की टीमों ने मिलकर 600 से अधिक लोगों को केदारनाथ धाम के दुरुह वैकल्पिक मार्गों से सुरिक्षत निकाला और 400 अन्य को हेलीकाप्टरों से निकाला गया. ऐसे में अब तक 9,099 तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को निकाला जा चुका है, जबकि लगभग 1000 तीर्थयात्री अभी भी जगह-जगह फंसे हुए हैं.
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