राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप को बड़ा झटका, संघीय चुनाव दंगा मामले में खारिज हुई याचिका

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US News: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद हुए दंगों में ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मुकदमें की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बचाव पक्ष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. वहीं कोर्ट ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ बदले की कार्रवाई के तहत और राजनीतिक उद्देश्यों के कारण मुकदमा चलाया जा रहा है. ट्रंप की अर्जी को कोर्ट ने खारिज किया है. अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव 2024 से पहले ट्रंप के लिए यह एक बड़ा झटका है.

दरअसल, अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने मई में ही एक ऐसिहासिक फैसला सुनाया था. इस फैसले में पूर्व राष्ट्रपतियों को व्यापक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया गया था. वहीं, कोर्ट ने इसी समय ट्रंप के खिलाफ विशेष वकील जैक स्मिथ के मामले को सीमित कर दिया गया था. बता दें कि उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या चुटकन का यह फैसला दंगों के मामले में पहला ठोस आदेश है.

जानकारी दें कि अभियोग को खारिज किए जाने का अनुरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप के साथ गलत व्यवहार किया गया और उन पर मुकदमा चलाया गया.

जानिए क्या था ट्रंप पर आरोप

रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों का कहना है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और विधि मंत्रालय ने उन्हें फिर से चुनाव जीतने से रोकने के लिए यह अभियोग चलाया. हालांकि, अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या चुटकन ने दोनों दलीलों को खारिज कर दिया है और कहा कि ट्रंप पर केवल चुनाव परिणामों को चुनौती देने के लिए अभियोग नहीं चलाया गया. बल्कि उनके ऊपर आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए जानबूझकर गलत बयान देने के साथ चुनावी प्रक्रिया पर बाधा डालने के आरोप लगाया गया है.

साल 2020 में हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बाइडेन के हाथों रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप को हारना पड़ा था. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने तीन के मुकाबले छह मतों से यह स्वीकार किया था कि राष्ट्रपतियों को मूल संवैधानिक कर्तव्यों के लिए पूर्ण छूट प्राप्त है और उन्हें अन्य सभी आधिकारिक कार्यों के लिए भी अभियोजन से संभावित छूट हासिल है. इसके तुरंत बाद अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को चुटकन के पास वापस भेज दिया था. जहां पर यह तय किया जाना था कि कौन से आरोप अभियोग का हिस्सा बन सकते हैं और किन आरोपों को खारिज किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: कमला हैरिस और ट्रंप ने एक दूसरे के सामने रखी शर्त, क्या अब दोनों के बीच नहीं होगी बहस?

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