सऊदी के साथ इजराइल की होगी दोस्ती? ईरान से युद्ध के खतरे के बीच PM नेतन्याहू का बड़ा संकेत

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Israel; Netanyahu Saudi Arabia Normalization: हमास नेता इस्‍माइल हानिया की हत्‍या के बाद शिया देश ईरान और इजरायल में युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं. ईरान ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह अपनी धरती पर हुए हानिया के हत्‍या का बदला ले कर रहेगा. इजराइल के साथ जंग में हमास, हिजबुल्‍लाह और ईरान के अलावा यमन के हू‍तियों की भी एंट्री हो चुकी है. अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक, ईरान अगले 3 दिनों के भीतर इजरायल पर भीषण हमला कर सकता है. इस हमले में लेबनान का हिज्‍बुल्‍लाह और हूती विद्रोही भी साथ दे सकते हैं.

अमेरिकी चुनाव आने तक सऊदी डील को किया स्‍थगित  

इन सबके बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू ने सुन्‍नी देश सऊदी के साथ रिश्‍तों को लेकर बड़ा संकेत दिया है. दरअसल, 7 अक्‍टूबर को हमास हमले से पहले इजराइल और सऊदी अरब के बीच रिश्‍तों को पहली बार सामान्‍य बनाने पर लगभग सहमति बनते दिखी थी, लेकिन अब यह खटाई में चली गई है. इजरायली मीडिया के अनुसार, अब नेतन्‍याहू ईरान तनाव को देखते हुए सऊदी के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य बनाने की प्रक्रिया को अमेरिका के चुनाव तक रोकना चाहते हैं.

इजराइल के एक टीवी रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली पीएम चाहते हैं कि नवंबर में अमेरिका के चुनाव परिणाम आने तक सऊदी के साथ रिश्‍ते को सामान्‍य करने की प्रक्रिया को स्‍थगित कर दिया जाए. नेतन्‍याहू को इस बात का डर सता रहा है कि ईरान के साथ युद्ध छिड़ सकता है और अमेरिका की सीनेट में सऊदी अरब डील को मंजूरी मिलेगी या नहीं, यह कहना कठिन है.

बाइडन और नेतन्‍याहू में चल रही है टेंशन

वहीं द वॉशिंगटन इंस्‍टीट्यूट के कार्यकारी डायरेक्‍टर रॉबर्ट स्‍टालओफ ने कहा कि वह इस रिपोर्ट में भरोसा नहीं करते हैं. उन्‍होंने कहा कि पीएम नेतन्‍याहू और अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन के बीच मुर्गा लड़ाई चल रही है. रॉबर्ट ने कहा कि नेतन्‍याहू और जो बाइडन दोनों पुराने खिलाड़ी हैं. जो बाइडन ने यह बात लीक होने दी कि सऊदी अरब के साथ समझौते को अब किनारे कर दिया गया है क्‍योंकि उन्‍हें पता है कि पीएम नेतन्‍याहू ऐसा चाहते हैं. अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ऐसा नेतन्‍याहू पर दबाव बनाने के लिए किया. लेकिन अब नेतन्‍याहू ने खुद ही सऊदी अरब डील को किनारे करके बाइडन को संदेश दे दिया है कि उन्‍हें दबाया नहीं जा सकता. नेतन्‍याहू का मुख्‍य लक्ष्‍य सऊदी के साथ इजराइल के सामान्‍य रिश्‍ते था और सत्‍ता में आने पर उन्‍होंने पूरी ताकत झोंक दी थी.

हमास हमले से सऊदी समझौते को किया बेपटरी

इससे पहले राष्‍ट्रपति जो बाइडन और पीएम नेतन्‍याहू सऊदी के साथ 3 हिस्‍सों वाले समझौते के तरफ आगे बढ़ रहे थे जिसे हमास के हमले ने अस्‍त-व्‍यस्‍त कर दिया. समझौते में सऊदी और अमेरिका के बीच सुरक्षा समझौता शामिल था. इसके अलावा इजराइल और सऊदी अरब के बीच रिश्‍ते सामान्‍य बनाना, फलस्‍तीन देश के लिए रास्‍ता साफ करना शामिल था. बाइडन प्रशासन को यह भरोसा था कि गाजापट्टी में बंधक संकट को समाप्‍त करने और सीजफायर डील से एक बार फिर से सऊदी के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य बनाने के डील को फिर से आगे बढ़ाया जा सकेगा.

ईरान के खिलाफ गठजोड़ बना रहे जो बाइडन

अमेरिकी सीनेट से सऊदी अरब के साथ सुरक्षा समझौते को मंजूरी मिलना जरूरी होगा, लेकिन इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी के सपोर्ट की आवश्‍यकता होगी. वहीं ऐसा माना जाता है कि सऊदी-अमेरिकी सुरक्षा डील को डेमोक्रेट तब समर्थन नहीं करेंगे जब डोनाल्‍ड ट्रंप सत्‍ता में होंगे. वहीं इस समझौते को शिया देश ईरान के विरूद्ध एक क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के लिए आधार के रूप में देखा जा रहा था. इसमें सऊदी और इजरायल दोनों ही शामिली होने वाले थे. हालांकि अमेरिका जॉर्डन, यूएई और सऊदी अरब जैसे सुन्‍नी मुस्लिम देशों से एक गठबंधन बना रहा है ताकि ईरान और उसके सहयोगी संगठनों के किसी भी हमले को नाकामयाब किया जा सके.

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