Graham Thorpe Died: क्रिकेट जगत से दुखभरी खबर सामने आई है. आज इंग्लैड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ग्राहम थोर्प (Graham Thorpe) ने 55 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. ग्राहम थोर्प लंबे समय से बीमार चल रहे थे. चार दिन पहले यानी 1 अगस्त को ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया था. थोर्प का निधन इंग्लैंड क्रिकेट के लिए बड़ी क्षति है.
बीमारी से जूझ रहे थे थोर्प
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्राहम थोर्प लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. हालांकि किस तरह की बीमारी से ग्रसित से इसका खुलासा नहीं हुआ है. ग्राहम थोर्पे ने उस समय इंटरनेशनल क्रिकेट खेला, जब भारत के दिग्गज क्रिकेट सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे भारतीय बल्लेबाज़ खेला करते थे. थोर्प इंग्लैंड के उन बल्लेबाज़ों में शुमार थे जिन्होंने सौ टेस्ट मैच खेले. बल्लेबाज थोर्प ने भारत के खिलाफ 5 टेस्ट मैच खेले. इसके अलावा भारत के खिलाफ वनडे मैचों में भी वह मैदान पर उतरे.
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने शेयर की पोस्ट
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने ये दुखद खबर देते हुए एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि हमें यह खबर शेयर करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि ग्राहम थोर्प का निधन हो गया है.
It is with great sadness that we share the news that Graham Thorpe, MBE, has passed away.
There seem to be no appropriate words to describe the deep shock we feel at Graham's death. pic.twitter.com/VMXqxVJJCh
— England and Wales Cricket Board (@ECB_cricket) August 5, 2024
ऐसा रहा ग्राहम थोर्पे का अंतर्राष्ट्रीय करियर
दिग्गज बल्लेबाज ग्राहम थोर्प ने इंग्लैंड के लिए 1993 से 2005 तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला. इस दौरान उन्होंने 100 टेस्ट और 82 वनडे मैच खेले. टेस्ट की 179 पारियों में बैटिंग करते हुए उन्होंने 44.66 की औसत से 6744 रन हासिल किए, जिसमें उनका हाई स्कोर 200* रनों का रहा. उन्होंने 16 शतक और 39 अर्धशतक जड़े. इसके अलावा थोर्प ने टेस्ट की 6 पारियों में गेंदबाजी भी की, लेकिन कोई विकेट नहीं ले पाए. वहीं वनडे 77 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए थोर्प ने 37.18 की औसत से 2380 रन स्कोर किए. वनडे में ग्राहम का हाई स्कोर 89 रनों का रहा. वनडे में उन्होंने कुल 21 अर्धशतक जड़े.
कोचिंग में भी शानदार रहा करियर
ग्राहम थोर्पे ने क्रिकेट में केवल अपनी बल्लेबाजी से ही योगदान नहीं दिया, बल्कि वह शानदार कोच भी रहे. साल 2005 में उन्होंने साउथ वेल्स को कोचिंग दी. इसके बाद इंग्लैंड लॉयंस को कोचिंग दी. फिर साल 2013 में इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम के बैटिंग कोच बने. इसी तरह वे कोचिंग करियर में आगे बढ़ें.
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