UP: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब बिना विवाद आसानी से पीढ़ियों की संपत्ति का हो सकेगा बंटवारा

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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लखनऊः योगी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. अब बिना विवाद पीढ़ियों की संपत्ति का बंटवारा आसानी से हो सकेगा. सिर्फ 5,000 रुपये के स्टाम्प शुल्क के साथ अपनी अचल संपत्ति को रक्तसंबंधियों के नाम करने की बड़ी सहूलियत देने के बाद उत्तर प्रदेश में अब पारिवारिक विभाजन और व्यवस्थापन में भी बड़ी सुविधा मिलने जा रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि एक परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे और जीवित व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति को अपने परिजनों के नाम किए जाने पर देय स्टाम्प शुल्क भी 5,000 रुपये तय किया जाए.

सीएम योगी ने कहा कि अधिक खर्च के कारण प्रायः परिवार में विभाजन की स्थिति में विवाद उत्पन्न होता है और कोर्ट केस भी होते हैं. न्यूनतम स्टाम्प शुल्क होने से परिवार के बीच आसानी से सेटलमेंट हो सकेगा.

मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी के ईज ऑफ लिविंग के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं. संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापना प्रक्रिया में सरलीकरण से लोगों को और सुविधा होगी.

यह होता है विभाजन
विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं और विभाजन उनके मध्य होता है.

विभाजन विलेख में प्रस्तावित छूट एक ही मृतक व्यक्ति के समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स, जो सहस्वामी हों, को आच्छादित करेगी अर्थात यदि दादा की मूल सम्पत्ति में वर्तमान जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा/भतीजी हैं, तो वह इसका उपयोग कर सकते हैं.

यह होता है व्यवस्थापन
व्यवस्थापन विलेख में व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार (जीवित) अपनी व्यापक सम्पत्ति को कई पक्षकारों के मध्य निस्तारित करता है.

व्यवस्थापन विलेख में प्रस्तावित छूट के अधीन व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार अपने समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स/डीसेंडेंट्स, जो किसी भी पीढ़ी के हों, के पक्ष में व्यवस्थापन कर सकता है. अर्थात सम्पत्ति यदि परदादा-परदादी जीवित हों, तो उनके पक्ष में, एवं यदि प्रपौत्र/प्रपौत्री जीवित हों, तो उनके पक्ष में भी किया जा सकता है.

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