India-Bangladesh Relations: बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट केा लेकर भारतीय संसद में विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक की गई, जिसमें सभी नेताओं को बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी गई.
सर्वदलीय बैठक के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना किस तरह भारत आ गई हैं और भारत बांग्लादेशी नेता का किस तरह ध्यान रखेगा। जयशंकर ने कहा कि शेख हसीना भारत में हैं और भारत सरकार उन्हें समय देना चाहती है ताकि वे भारत सरकार को बता सकें कि उनका भविष्य क्या होगा।
बांग्लादेशी सेना के संपर्क में भारत सरकार
इस बैठक के दौरान जयशंकर ने नेताओं से कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेशी सेना के साथ भी संपर्क में है. यह मौजूदा स्थिति है और सरकार सही समय पर उचित कार्रवाई करेगी. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में 20,000 भारतीय नागरिक हैं, जिसमें से अब तक 8,000 लोग वापस आ चुके हैं.ऐसे में भारत सरकार लगातार भारतीय लोगों के समर्पक में है और वहां के उच्चायोग लगातार काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा की जानी चाहिए.
जयशंकर ने की सर्वसम्मत समर्थन की सराहना
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बैठक की तस्वीर को शेयर कर लिखा कि आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं.
भारत पहुंची शेख हसीना
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. बता दें कि देश को छोड़ने के बाद हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं. फिलहाल अब उनकी लंदन जाने की योजना है.
सर्वदलीय बैठक के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत की दीर्घकालिक और अल्पकालिक रणनीति के बारे में पूछा, जिसपर सरकार ने कहा कि यह एक प्रगतिशील स्थिति है और वो अभी इसका विश्लेषण करना जारी रखेंगे.
बांग्लादेश में अराजकता का माहौल
आपको बता दें कि देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद से ही बांग्लादेश अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है. सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर छात्रों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन ने अब सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया.
ऐसे में ढाका में, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं ने बांग्लादेश की मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का प्रस्ताव रखा है.