बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने भंग की संसद, पूर्व पीएम भी हुईं रिहा; जानिए अब तक क्या हुआ…?

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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President Mohammad Shahabuddin Dissolve Parliament: पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात तेजी से बदल रहे हैं. देश में जारी हिंसा लगतार बढ़ रही है. अभी तक 400 से अधिक लोग हिंसा में मारे जा चुके हैं और हजारों की संख्या में लोग घायल हैं. इन सब के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया है. राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को भी रिहा करा दिया है.

आज यानी मंगलवार को बांग्लादेश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था. इसी के साथ एक जुलाई से अगस्त में जो भी लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनके रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है तो कुछ लोगों को रिहा कर दिया है.

बांग्लादेश में होंगे चुनाव

बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने संसद भंग करने के कदम के साथ देश में नए सिरे से चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया है. सोमवार को शेख हसीना ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. त्यागपत्र देने के साथ वह देश छोड़कर भारत आ गईं थीं. उनके देश छोड़कर जाने के बाद देशभर में हिंसा की घटनाओं में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी कई मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है.

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अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना

बांग्लादेश में उपद्रवी अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं. हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. देश के एक शहर में स्थित स्कॉन मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया. इस बीच भारत भी वहां की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. आज राज्य सभा में दिए गए एक बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने पड़ोसी देश में इस जटिल और अभी भी लगातार अस्थिर बने हुए हालात को देखते हुए अपने सीमा सुरक्षाबलों को अत्यधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया है.

राजनयिक दलों ने भी जताई चिंता

राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने पांच अगस्त को राष्ट्र को संबोधित किया और जिम्मेदारी संभालने और अंतरिम सरकार के गठन की बात की. हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं.

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहा है. बांग्लादेश के साथ भारत के दशकों से गहरे संबंध हैं, वहां के हालात से यहां भी चिंता उत्पन्न हुई है. वहां जून से हालात बिगड़ने शुरु हुए और यह सिलसिला अब तक जारी है. जो कुछ पड़ोसी देश में हुआ, उसका एक सूत्री एजेंडा यह था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे दें. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा एवं अस्थिरता को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है.

द प्रिंटलाइंस- 

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