Chinese Kali Temple: देश में मंदिरों की कोई कमी नहीं है. हमारे देश के हर कोने में आपको एक से एक पुराने मंदिर मिल जाएंगे. हर मंदिर की अपने आप में खासियत होती है. हर देवी-देवता के मंदिर की एक मान्यता होती है. इस बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां पर मां काली की पूजा होती है. लेकिन खास बात यह है कि मां काली को यहां पर प्रसाद के तौर पर नूडल्स और मोमोज़ चढ़ाया जाता है. यह जानकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन यह सत्य है. आइए इस मंदिर के बारे में आपको बताते हैं…
जानिए कहां स्थित है यह मंदिर
बता दें कि यह काली मां का मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है. इस मंदिर को चाइनिज काली मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर में मां काली की पूजा होती है और दूर- दूर से लोग इस मंदिर में आते हैं. मंदिर में मां काली की प्रतिमा के साथ भगवान शिव की भी मूर्तियां भी स्थापित हैं. मंदिर में आस पास के साथ अन्य जगहों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में मान्यता है कि इस मंदिर में सामान्य प्रसाद जैसे फूल माला के साथ मां काली को नूडल्स, मोमोज के साथ अन्य चाइनीज फूड्स का भोग लगाया जाता है.
The #ChineseKaliTemple in #Tangra is one of the most mysterious temples in India, serving noodles and momos as prasad! Discover how this site embodies a cultural fusion and a whole lot of intrigue. #Kolkata pic.twitter.com/T7DGwKcZjo
— Savaari Car Rentals (@savaaricars) May 17, 2024
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जानिए चाइनीज काली मंदिर के बारे में
जानकारी के अनुसार कोलकाता का यह चाइनिज काली मंदिर अपने आप में भारत-चीनी विरासत को समेटे हुए है. साल 1930 में चीन में हुए सिविल वॉर के दौरान कई लोग भागकर कोलकाता के इस मंदिर की शरण में आए थे. यहां पर ये शरणार्थी तांगरा नाम के जगह पर रहने लगे. वहीं, आज से ठीक 60 साल पहले वहां के स्थानीय लोग एक बड़े से पेड़ के पास रखे दो पत्थरों की पूजा किया करते थे. वे उन पत्थरों पर लाल रंग का पाउडर लगाते थे और खूब पूजा-पाठ करते थे.
इसके कुछ समय बाद यहां पर कोई असाधारण घटना हुई, उस समय एक चीनी लड़का बहुत बीमार पड़ गया. उसके बीमार होेने से माता पिता परेशान होने लगे. इस स्थिति में परेशान माता-पिता ने मां काली से प्रार्थना करते हुए उन पत्थरों के सामने अपने बेटे के लिए जीवनदान मांगा. मान्यता है कि इसके बाद उनका लड़का ठीक हो गया. इस चमत्कार के बाद से इस परिवार ने वहां पर एक मंदिर का निर्माण कराया. जिसमें चाइनीज समुदाय के सदस्यों ने बढ़चढ़ कर आर्थिक योगदान दिया और तब से यह मंदिर चाइनीज काली मंदिर के नाम से मशहूर हो गया.
शनिवार को होती है विशेष पूजा
मान्यता के अनुसार शनिवार को इस मंदिर में विशेष पूजा किया जाता है. इसी के साथ इस मंदिर में अक्सर बड़े-बड़े धार्मिक अनुष्ठान करवाए जाते हैं. कई प्रकार के समारोह भी आयोजित कराए जाते हैं मान्यताओं के अनुसार यहां पर बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए भक्त धूप और कागज जलाते हैं.
(अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)