भगवत्प्राप्ति ही मानव जीवन का है परम लक्ष्य: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, यह शरीर रथ है, इंद्रियां घोड़े हैं, मन लगाम है और बुद्धि सारथि है, जीवात्मा इसमें रथी है, गुरु का दिया हुआ मंत्र धनुष है और चित्त की वृत्ति बाण और लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। गुरु के मंत्र का जप करते हुए मंत्र को धनुष मान लो और चित्त की वृत्ति को वाण मान लो और वाण को भगवत प्राप्ति की दिशा सीधे ईश्वर की ओर चला दो। ईश्वर का साक्षात्कार हो जायेगा और भगवत्प्राप्ति ही मानव जीवन का परम लक्ष्य है।
भगवत प्राप्ति करने आप चले हो, लेकिन याद रखना रास्ते में चोर खड़े हुए हैं। राग, द्वेष, मान, अभिमान, ममता और अंहन्ता यह चोर इंद्रिय रूपी घोड़े को विषय रूपी हरी-हरी घास दिखाकर बुद्धि रूपी ड्राइवर को ममता रूपी मदिरा पिलाकर गड्ढे में ले जाकर गिरा देते हैं। इसीलिए इन चोरों से जरा सावधान रहना है। आपके हाथ में तलवार हो और ढ़ाल भी हो, ढाल से शत्रु का बार रोका जाता है और तलवार से शत्रु को समाप्त किया जाता है। ज्ञान तलवार है और बैराग्य धनुष है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

यह भी पढ़े:  Vinesh Phogat: बोले CM योगी- विनेश आप चैंपियन हैं, निराश मत होइए…

Latest News

Bihar: बेकाबू वाहन ने तीन लोगों को रौंदा, महिला सहित दो की मौत, युवक गंभीर

Bihar: बिहार में सड़क हादसा हुआ है. यहां जहानाबाद में श्रम विभाग की बेकाबू सरकारी वाहन ने तीन लोगों...

More Articles Like This