Bangladesh Crisis: जेल से रिहा होते ही खालिदा जिया ने भरी ‘हुंकार’, बांग्लादेश को लेकर कही ये बड़ी बात

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh Crisis: शेख हसीना के पद और देश छोड़ते ही बांग्लादेश में सियासी हवा पूरी तरह से बदल गई है. बाांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार का गठन आज हो जाएगा. इन सबके बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री रिहा हो गई हैं. रिहा होने के बाद खालिदा जिया ने हुंकार भरी है. आइए जानते हैं क्या कुछ बोलीं…?

रिहाई के बाद खालिदा जिया ने लोगों को संबोधित करते हुए बड़ी बातें कही हैं. खालिदा जिया ने कहा कि ‘‘असंभव को संभव बनाने के संघर्ष’’ के लिए देशवासियों को धन्यवाद. देश का पुनर्निर्माण ‘‘क्रोध’’ या ‘‘बदले’’ से नहीं, बल्कि ‘‘प्यार और शांति’’ से होगा. 79 वर्षीय जिया का 2018 के बाद से यह पहला सार्वजनिक भाषण है. अपने भाषण में जिया ने लोगों से शांति की अपील की.

देश को समृद्ध बनाने की जरूरत

जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री जिया ने उन लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके लिए संघर्ष किया तथा कारावास से उनकी रिहाई के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब रिहा कर दिया गया है. मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने असंभव को संभव बनाने के लिए ‘करो या मरो’ का संघर्ष किया. यह जीत हमें लूट, भ्रष्टाचार और कुशासन के मलबे से बाहर निकलने की नई संभावना देती है. हमें इस देश को समृद्ध बनाने की जरूरत है.’’

‘प्यार और शांति की है जरूरत’

पूर्व प्रधानमंत्री ने युवाओं के हाथ मजबूत करने का सभी से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘युवा हमारा भविष्य है. हमें उनके उस सपने को पूरा करने के लिए एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश का निर्माण करने की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्होंने अपना खून बहाया है, कोई विनाश नहीं, कोई गुस्सा नहीं और कोई बदला नहीं, हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्यार और शांति की आवश्यकता है.’’

17 साल की हुई थी सजा

ज्ञात हो कि शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान 2018 में जिया को भ्रष्टाचार के लिए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. जिया को हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के कार्यकारी आदेश पर रिहा कर दिया गया. जिया दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थीं. बांग्लादेश में दशकों से जिया और हसीना की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही हैं.

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