UAE: अब बिना आईडी कार्ड और पासपोर्ट के भी कर सकेगी अबू धाबी एयरपोर्ट पर यात्रा, बायोमेट्रिक सेंसर से होगी यात्रियों की पहचान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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UAE: एयरपोर्ट पर फ्लाइट पकड़ने के दौरान यात्रियों को एक नहीं बल्कि कई बार चेकिंग से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में उन्‍हें उड़ान के प्रस्थान करने से कम से कम दो घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना होता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यात्री के पास चेक-इन, अपने सामान की जांच करने, सुरक्षा जांच और इमिग्रेशन से गुजरने और बोर्डिंग गेट तक पहुचने के लिए पर्याप्त समय हो. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

यात्रियों को मिलेगी झंझटों से निजात

यात्रियों को इन सभी समस्‍याओं से छुटकारा मिलने वाला है. दरअसल, जल्द ही पासपोर्ट, आईडी कार्ड, टिकट, चेक-इन, इमिग्रेशन और बोर्डिंग यात्रियों के लिए आसानी हो सकती है. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी के जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यह जल्द ही संभव होने वाला है.

स्मार्ट ट्रैवल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है यूएई

जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपने नए स्मार्ट ट्रैवल प्रोजेक्ट के साथ हवाई यात्रा में क्रांति लाने के लिए लगातार प्रयासरत है. साल 2025 तक, पूरा एयरपोर्ट आगमन से प्रस्थान तक हर पहचान चेकपॉइंट पर अत्याधुनिक बायोमेट्रिक सेंसर से लैस होगा. इस गेम-चेंजिंग तकनीक से लोगों के यात्रा का अनुभव बदलेगा. साथ ही इससे लोगों की यात्रा तेज, अधिक सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बन जाएगी.

बायोमेट्रिक सेंसर से होगी यात्रियों की पहचान

वहीं, जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य सूचना अधिकारी एंड्रयू मर्फी ने बताया कि बायोमेट्रिक सेंसर को बिना किसी पूर्व-पंजीकरण की आवश्‍यकता के डिजाइन किया गया है, ताकि यात्रियों को एयरपोर्ट से गुजरते समय ऑटोमेटिक पहचाना और प्रमाणित किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आती है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की शिकायत थी कि एयरपोर्ट की चेकिंग प्रक्रिया में काफी समय लगता है, लेकिन इतने बड़े एयरपोर्ट अब से कुछ ही मिनटों में आवागमन कर पाना अभूतपूर्व होगा.

तकनीक का इस्तेमाल

एंड्रयू मर्फी ने कहा कि एयरपोर्ट के कुछ हिस्‍सों में बायोमेट्रिक सेंसर तकनीक पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है, खासतौर से इसका इस्तेमाल एतिहाद एयरलाइंस की फ्लाइट्स में किया जा रहा है. मर्फी के अनुसार, जब कोई यात्री पहली बार यूएई आता है, चाहे वह निवासी हो या पर्यटक तो उसका बायोमेट्रिक डेटा इमिग्रेशन में पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और ICP के लिए फेडरल अथॉरिटी द्वारा कैप्चर किया जाता है. इसके बाद ही एयरपोर्ट सिस्‍टम यात्रियों की पहचान सत्यापित करने के लिए इस मौजूदा डेटाबेस का इस्तेमाल करती है.

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