Bangladesh: बीते दिनों बांग्लादेश में उग्र प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया और भारत वापस आ गई. वहीं अब बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लिए है. इसी बीच खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय राजनीति में आने के लिए तैयार हैं. पहले वाजेद जॉय ने कहा था कि उनका राजनीति में उतरने का कोई इरादा नहीं है.
…मैं पीछे नहीं हटूंगा
वॉशिंगटन डीसी में रह रहे शेख हसीना के बेटे ने टॉइम्स ऑफ इंडिया से फोन पर बात करते हुए कहा, ‘मैं पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, करूंगा. यदि मुझे राजनीति में उतरने की आवश्यकता हुई तो मैं पीछे नहीं हटूंगा. मालूम हो कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकताओं पर हमले हो रहे हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली गई है.
मुझे अपनी पार्टी के लिए सक्रिय होना पड़ा…
वाजेद जॉव ने आगे कहा कि ‘मेरी मां मौजूदा कार्यकाल के बाद राजनीति से संन्यास ले लेतीं. मेरी कभी कोई पॉलिटिकल महत्वाकांक्षा नहीं रही और मैं युएस में बस गया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों के बांग्लादेश के घटनाक्रम से पता चलता है कि नेतृत्व शून्य है. मुझे अपनी पार्टी के लिए सक्रिय होना पड़ा और अब मैं सबसे आगे खड़ा हूं.’ सजीब वाजेद ने बातें उसी दिन कहीं, जिस दिन मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है. वहीं अवामी लीग की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की नेता खालिदा जिया की रिहाई के बाद उनके बेटे और पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की देश वापसी हुई है.
अवामी लीग जीत सकती है चुनाव
शेख हसीना के बेटे ने आगे कहा कि, मुझे यकीन है कि अवामी लीग चुनाव में शामिल होगी और हम जीत भी सकते हैं. बांग्लादेश में हमारे पास सबसे बड़ा समर्थक आधार है. वाजेद ने यह भी दावा किया कि उनकी मां की किसी देश में शरण लेने का प्लान नहीं है. फिलहाल वह भारत में हैं. अंतरिम सरकार के देश में चुनाव कराने का फैसला किए जाने के बाद वह अपने देश वापस चली जाएंगी. मैं इतने कम समय में अपनी मां की जान बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार हूं.
आत्मनिरीक्षण करेगी अवामी लीग
सजीब जॉय ने आत्मनिरीक्षण पर जोर देते हुए कहा, ‘निश्चित तौर पर गलतियां थीं. जब आप एक देश चलाते हैं, तो हर दिन बहुत सारे फैसले लिए जाते हैं. अवामी लीग आत्मनिरीक्षण में विश्वास करती है और हम इसके लिए तैयार थे. लेकिन हमें इस बार ऐसा करने का अवसर नहीं मिला. हमें कभी नहीं लगा कि उनकी मांगों को स्वीकार करने के बाद भी स्थिति इतनी तेजी से बढ़ सकती है. जॉय ने यह भी कहा कि बीएनपी और जमात का गठबंधन अल्पसंख्यकों को नहीं बचाएगा.
भारत के लिए खतरा
सजीब वाजेद ने आगे कहा कि यदि अवामी लीग की सरकार नहीं बनती है तो भारत की पूर्वी सीमा सुरक्षित नहीं होगी. अगर बीएनपी और जमात का गठबंधन है तो यह भारत के लिए सहीं नहीं हो सकता, क्योंकि जमात चरमपंथ से दूर नहीं रहेगी. इसके साथ ही जॉय ने भारत से बांग्लादेश पर जल्द ही चुनाव कराने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया.
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