Drone Attack Myanmar: पड़ोंसी देश म्यांमार से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, म्यांमार के अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या मुस्लिम देश छोड़कर भाग रहे थे. इसी दौरान उऩ पर ड्रोन से हमला किया गया है. इस हमले में कई लोग मारे गए हैं. मरने वालों में कई परिवार और बच्चे शामिल हैं.
नदी किनारे मिली लाशें
दरअसल, यह हमला म्यांमार के पश्चिमी शहर रखाइन में किया गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, म्यांमार से भाग रहे रोहिंग्या पर ड्रोन हमले में 150 रोहिंग्या नागरिक मारे गए. जिनमें बच्चे भी शामिल थे. नदी के किनारे लोगों की लाशें पड़ी हुई मिली. कुछ लोग शवों के ढेर के बीच अपने रिश्तेदारों की पहचान के लिए भटकते रहे. चश्मदीदों ने बताया कि लोग अपनों की तलाश के लिए लाशों के ढेर को उलटते-पलटते दिखे.
बांग्लादेश बॉर्डर पर हुआ हमला
बता दें कि इस ड्रोन हमले को अब तक का सबसे बड़ा और खतरनाक हमला माना जा रहा है. इस हमले के लिए म्यांमार और मिलिशिया की सेना ने एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. जानकारी के मुताबिक, यह हमला उस वक्त हुआ जब रोहिंग्याओं का जत्था बांग्लादेश बॉर्डर के पार जाने का इंतजार कर रहा था.
जानिए क्या बोले प्रत्यक्षदर्शी
इस हमले के एक गवाह, 35 वर्षीय मोहम्मद इलियास ने बताया कि जब ड्रोन ने भीड़ पर हमला करना शुरू किया तो वह उनके साथ बॉर्डर पर खड़ा था. इलियाह ने आगे बताया, “मैंने कई बार गोलाबारी की गगनभेदी आवाज़ सुनी.” इलियास ने कहा कि वह खुद को बचाने के लिए ज़मीन पर लेट गया और जब वह उठा, तो उसने देखा कि उसकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हैं और उसके कई अन्य रिश्तेदार मर चुके हैं. उसने कहा कि हमले के बाद कई लोग मृत पड़े थे और कुछ लोग अपने गहरे जख्मों के चलते दर्द से चिल्ला रहे थे.
कीचड़ भरे मैदान में शवों के ढेर
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में कीचड़ भरे मैदान में शवों के ढेर दिखाई दे रहे थे. लोगों के सूटकेस और बैकपैक्स उनके चारों ओर बिखरे हुए थे. हमले में जिंदा बचे तीन लोगों ने कहा कि करीब 200 लोगों की मौत हुई है जबकि घटना के बाद के एक गवाह ने कहा कि उसने कम से कम 70 शव देखे.