Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही लगातार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है. हिंदुओं को टारगेट कर उनके साथ बर्बरता की इन खबरों ने हर किसी को विचलित कर दिया है. ऐसे में अब भारत के संसद से लेकर सड़क तक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का कड़ा विरोध किया जा रहा है.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ धर्म की नगरी काशी में रविवार को व्यापारियों ने प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद व्यापारियों ने बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हिंदुओं पर अत्याचार रोकने की मांग की.
बांग्लादेश पर दबाव बनाएं भारत सरकार
बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार के खिलाफ हजारों की संख्या में हिंदू अब सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरें है. उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे इस नरसंहार की निंदा की है. साथ ही भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
इतना ही नहीं, व्यापारियों ने बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय परिवारों को सुरक्षित भारत लाने की भी अपील की है. व्यापारियों का कहना है कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनूस की सरकार भी जिहादियों पर कोई एक्शन नहीं ले रही है. इसलिए अब भारत सरकार को ही हिंदुओं की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाना चाहिए.
बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को व्यापारियों ने दी चेतावनी
वाराणसी के व्यापारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को बर्दास्त से बाहर बताया है. वहीं, वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम और इस्लामिक जिहादियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुकता है, तो मजबूरन वाराणसी के व्यापारी बनारस में बांग्लादेशी मुसलमान और रोहनियाओं को खदेड़ने का काम करेंगे. वही व्यापारियों ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप कर हिंदुओं और मंदिरों के ऊपर हमले को रुकवाने की मांग कर रहे हैं.
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