Bangladesh: बांग्लादेश में इन दिनों राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं. हाल ही के दिनों में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया इसके बाद वो देश छोड़ भारत आ गई और अब बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. इसी बीच अब बांग्लादेश में एक नई मांग की जा रही है.
दरअसल, देश में कई पार्टियों ने अंतरिम सरकार से अब 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर न मनाए जाने की मांग की है. फिलहाल इस मामले में अंतरिम सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
मोहम्मद यूनुस से इन पार्टियो ने की मुलाकात
बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश सरकार के नए मुखिया मोहम्मद यूनुस से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), जमात-ए-इस्लामी समेत गन अधिकार परिषद, बांग्लादेश जातीय पार्टी और नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसी पार्टियों ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने निष्पक्ष चुनाव कराए जाने से लेकर और भी कई मुद्दों पर चर्चा की.
अंतरिम सरकार से किया ये आग्रह
इस दौरान सभी पार्टियों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया कि 15 अगस्त को अब राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर नहीं मनाया जाना चाहिए. उनका मानना है कि इस दिन सार्वजनिक अवकाश की भी आवश्कता नहीं है. AB पार्टी के संयोजक सोलेमन चौधरी ने कहा कि ‘यह स्वतंत्रता की घोषणा की भावना के खिलाफ है.’ वहीं, असदज्जुमन फौद ने कहा, ‘अमेरिका के संस्थापक अब्राहम लिंकन और ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल की याद में भी इन देशों में कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता. इसलिए बंग्लादेश में भी इसकी जरूरत नहीं है.’
जानें क्यों मनाया जाता है शोक दिवस
आपको बता दें कि हर साल 15 अगस्त को बांग्लादेश में राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1975 को सेना के अधिकारियों ने शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की उनके परिवार के साथ हत्या कर दी थी और तभी से 15 अगस्त को बांग्लादेश में राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाने लगा. बता दें कि शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के संस्थापक थे.
इसे भी पढें:-China की 13 साल की भरतनाट्यम नृत्यांगना ने रचा इतिहास, पहले ‘अरंगेत्रम’ कार्यक्रम में प्रस्तुति दे जीता सभी का दिल