रक्षासूत्र बांधने के दौरान इन नियमों का करें पालन, जानिए कलाई पर कैसे बांधे कलावा

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kalawa bandhne ke niyam: सनातन धर्म में कलावा यानी रक्षा सूत्र बांधना काफी शुभ माना जाता है. किसी मांगलिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान और अन्य पूजा पाठ के दौरान लोग कलाई पर कलावा बांधते हैं. शास्त्रों में इस बात का वर्णन किया गया है कि रक्षा सूत्र या मौली बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है. आपने भी कई बार अपने हाथों में कलावा या रक्षासूत्र बांधा होगा, लेकिन यह भी जानना चाहिए कि इसको बांधने को लेकर भी कई नियम बनाए गए हैं. ऐसे में कलावा बांधने के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए हम आपको बताते हैं.

दरअसल, पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि असुरों के दानवीर राजा बलि की अमरता के लिए भगवान वामन ने उनकी कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधा था. इसको रक्षाबंधन का भी प्रतीक माना जाता है.

रक्षासूत्र बांधने का नियम

आपने कई बार अपनी कलाई में कलावा बांधा होगा. हालांकि, इसको बांधने के बाद इसे निकालना भी होता है. कई बार कलावा बांधने के बाद हम भूल जाते हैं और वह लंबे समय तक हाथों में रह जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर लंबे समय तक इसको बांध कर रखा जाए तो यह हमें अपनी ऊर्जा देना बंद कर देता है.

सनातन धर्म में कलावा को लेकर कई नियम बनाए गए हैं. शास्त्रों में इसे कितने दिनों तक पहनना चाहिए इसको लेकर जानकारी दी गई है. शास्त्रों के अनुसार हाथों में कलावा सिर्फ 21 दिन के लिए बांधना शुभ माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आम तौर पर कलावा का रंग इतने दिनों में उतरने लगता है. कलावा कभी भी उतरे हुए रंग का नहीं पहनना चाहिए. ऐसा कलावा शुभ संकेत नहीं देता है.

ऐसा रक्षासूत्र कभी ना पहने

शास्त्रों की मानें तो रंग उतरता कलावा बांधना अशुभ होता है. ऐसे में इस प्रकार के कलावा को उतार देना चाहिए. कलावा उतारने के 21 दिनों बाद फिर किसी अच्छे मुहुर्त में हाथ पर कलावा बांधा जा सकता है.

शास्त्रों में मान्यता है कि कलावा हाथों से जब उतरता है तो आसपास के साथ आपके भीतर की नकारात्मक शक्तियों को लेकर उतरता है. इसलिए पहने हुए कलावा को दोबारा नहीं पहनना चाहिए. जिस कलावा को आपने उतार दिया है, उसको बहती हुई नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.

जानिए कलावा बांधने के नियम

  • नियमों के अनुसार पुरुष और अविवाहित कन्याएं अपने दाएं हाथ में कलावा बांधे.
  • विवाहित स्त्रियां अपने बाएं हाथ में कलावा बांधे.
  • जब भी कलावा बांधा जाए, उस हाथ की मुट्ठी बंधी रखें.
  • कलावा बंधलाने के दौरान दूसरे हाथ को सिर पर रखें.
  • कलावा बांधने के दौरान इस बात का ध्यान जरुर रखें की रक्षासूत्र केवल 3 बार ही लपेटें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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