Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान गोवर्धन पूजा में एक रूप से बाबा के पास खड़े हैं और दूसरे रूप से गिरिराज के ऊपर प्रकट हो गये और ऊपर से आवाज लगाई है। हे ब्रजवासियों! तुम्हारी श्रद्धा और विश्वास के कारण मैं तुम्हें दर्शन देने के लिए प्रकट हो गया हूं। मेरा दर्शन और पूजन करो। जो मेरा दर्शन और पूजन करेगा, वह जिंदगी में कभी दुःखी नहीं होगा, मैं सदा उसकी रक्षा करूंगा।
नीचे से भगवान कहने लगे, बाबा बाबा! देखो गिर्राज प्रगट हो गये। कन्हैया बड़े नटखट हैं। स्वयं ही गिरिराज बन गये, और बाबा से कह रहे हैं गिर्राज प्रगट हो गये। ब्रजवासी मारे खुशी के नाचने लगे कि भगवान गिरिराज प्रकट हो गये हैं। सबने खूब पूजा की और भगवान ने खूब खाया। भगवान सोच रहे हैं गोपियां वैसे माखन देती नहीं आज खिला रही है खूब खाओ, आराम से खूब कहते रहे और सर पर हाथ कर आशीर्वाद देते रहे, कि – तुम्हारे घर में अन्न भंडार भरा रहे, इसी तरह हमारी पूजा करते रहना।
कभी दुःखी नहीं रहोगे। नीचे से वही पूजा कर रहा है, और वही खा रहा है, वही आशीर्वाद दे रहा है। यशोदा मैया कहती हैं। हे गिरिराज महाराज! मेरे लाला पर ही हाथ रख दो और गिरिराज जी भगवान् के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हैं। भगवान् , भगवान् के सिर पर हाथ रख रहे हैं।माँ युग-युग जिये तेरा लाल, मेरी बड़ी भक्ति है।माँ तू बड़ी पूजा करती है। महाराज ! बुढ़ापे में एक ही पुत्र पाया है। जब से आया है संकट आते रहते हैं, राक्षस आते रहते हैं। मैया चिन्ता मत कर मैंने सिर पर हाथ रख दिया, अब तेरे लाला का कुछ नहीं बिगड़ने वाला।
सबने पूजा की, धूप, दीप, लाखों दीपों से जगमगा दिया, खूब आरती की। दूध की धारा अब भी गिरिराज पर चढ़ती है। भगवान ने कहा बाबा अब गिर्राज की परिक्रमा करो। नंगे पैर , पूरे 14 मील परिक्रमा की। सारे रास्ते ग्वाल-बाल खूब नाचते जा रहे हैं। परिक्रमा के बाद सबने साष्टांग प्रणाम किया, यशोदा अपने लाल के लिए बार-बार आशीर्वाद मांग रही है। बाद में सबको भोजन प्रसाद कराया। मनो इसीविधि से भगवान व्यास हम समस्त भक्तों को गिरिराज जी की यात्रा की विधि बताएं। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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