इन देशों पर मंडरा रहा भूखमरी का खतरा, लोगों ने की मदद की अपील

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Southern Africa El-nino Effect: इस समय दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) ने जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में बताया कि साउथ अफ्रीका में लगभग 68 मिलियन यानी करीब 6 करोड़ 80 लाख लोग अल नीनों सूखे के प्रभाव से पीड़ित हैं. सूखे के कारण इन लोगों पर भूखमरी का संकट मंडरा रहा है.

हाल में ही फूड सिक्योरिटी सहित कई अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में 16 देशों के दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) के राष्ट्राध्यक्षों ने एक बैठक की. इस साल की शुरुआत के साथ ही यह सभी देश सूखे की चपेट में हैं. इस सूखे के कारण दक्षिणी अफ्रीका के देशों में खाने की भी कमी हो गई है.

बता दें कि इस बैठक में एसएडीसी के कार्यकारी सचिव एलियास मैगोसी ने बताया कि वर्तमान में 68 मिलियन लोगों के 17 प्रतिशत आबादी वाले इलाकों में सहायता की आवश्यकता है. इस साल इन सभी इलाकों में बारिश काफी देर से शुरू हुई, यही वजह है कि इन सभी देशों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है.

जानिए किसे कहते हैं अल नीनों

विशेषज्ञों के अनुसार अल नीनो एक विशेष प्रकार की मौसम की परिस्थिति है. जो मध्य और पूर्वी प्रशांत सागर में समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा होने पर होती है. अल नीनो के कारण तापमान में काफी गर्मी देखने को मिलती है. जिस कारण पश्चिमी प्रशांत सागर के इलाके का पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ने लगता है. यही वजह है कि यहां पर भायनक गर्मी पड़ती है और सूखे के हालात बनते हैं. अमूमन यह स्थिति 9 से 12 महीने तक बनी रहती है.

मदद की गुहार लगा रहे लोग

इस प्रकृतिक संकट के बीच सूखाग्रस्त देश अन्य देश के लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अंगोलो के राष्ट्रपति लौरेंको ने बताया कि मई में ही सूखे से निपटने के लिए 5.5 अरब डॉलर की मानवीय सहायता की थी. लेकिन लोग मदद नहीं कर रहे हैं. शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से अब जितने पैसे मिले हैं वो अनुमानित मात्रा से बहुत कम हैं और मैं क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से अल नीनो से प्रभावित हमारे लोगों की मदद के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करने की अपील दोहराना चाहता हूं.

कई राष्ट्र भूखमरी की कागार पर

अल-नीनो के कारण कई राष्ट्र इस समय भूखमरी की कागार पर आकर खड़े हो गए हैं. जिम्बाब्वे, जाम्बिया और मलावी सहित कई साउथ अफ्रीका के देश भुखमरी का सामना कर रहे हैं. सभी देश अन्य देशों के लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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