नेतन्याहू का इस्तीफा मांगने सड़को पर उतरे लोग, बंधकों की रिहाई से जुड़ा है मामला

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Israel Gaza War: इजराइल हमास युद्ध को करीब 10 महीने से ज्यादा का समय हो गया है. इस वॉर में अब तक करीब 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. दुनिया की कई बड़ी ताकतें युद्ध विराम के लिए लगी हैं. हालांकि, अभी तक हमास और इजराइल के बीच कोई समझौता हो नहीं पाया है. इस बीच सीजफायर और बंधकों की रिहाई के लिए इजराइल में ही बेंजामिन नेतान्याहू की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगा है.

दरअसल, तेल अवीव में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि कैदियों की अदला-बदली के लिए जल्द से जल्द समझौता किया जाए. वहीं, इस विरोध में शामिल कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर नेतन्याहू ने इस्तीफा नहीं दिया, तो वे उनकी जान भी ले लेंगे. बता दें कि शनिवार को गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवार ने तेल अवीव में प्रदर्शन कर सरकार से बंधकों को रिहा करने के लिए कदम उठाने की मांग की.

बता दें सुरक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रही भीड़ का कहना है कि इजराइल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, या तो बंधकों के लिए सौदा होगा या युद्ध और फैल जाएगा. इसी के साथ हाइफा और कर्मिल में भी कैदियों की अदला बदली के लिए प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बंधकों को रिहा करवाने में मंत्री बेन-ग्वीर विफल रहे हैं.

वहीं, इजराइल के विपक्षी दल के नेता बेनी गैंट्ज़ ने सख्त तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि हमास द्वारा पकड़े गए बंदियों के पास अब और समय बचा नहीं है. उन्होंने जोर देकर इस बात को कहा कि सरकार को हमास के साथ बंधकों की रिहाई के लिए समझौता करना चाहिए.

बंधकों का क्या होगा

हाल के दिनों में ही इजराइली सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों पीएम नेतन्याहू को सूचित किया कि कोई भी डील करने के लिए समय खत्म हो रहा है. खूफिया अधिकारियों ने ये जानकारी ईरान प्रॉक्सी के संभावित हमलों से बचने की तैयारी को लेकर दी. एक बैठक में अधिकारियो ने इस बात को पीएम नेतन्याहू के सामने रखा. खूफिया अधिकारियों ने इस बात की भी जानकारी दी कि वार्ता में देरी और अड़ियल रुख कैदियों की जान ले सकता है.

उल्लेखनीय है कि विगत 07 अक्टूबर को हमास हमले में करीब 250 इजराइलियों को हमास ने बंधक बना लिया था. इन बंधकों में से महिलाओं, बीमारियों और बुजुर्गों को पहले दो समझौतों में छोड़ा जा चुका है. हालांकि, अभी दर्जनों बंधक हमास की गिरफ्त में है.

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