Bangladesh Crisis: पिछले दिनों बांग्लादेश में बड़े स्तर पर आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिला है. इस हिंसा में 600 से अधिक नागरिकों की और कम से कम 44 पुलिसकर्मियों की जान गई है. सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ पिछले दिनों छात्र सड़कों पर उतरे और हसीना सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. आगे चलकर यह प्रदर्शन हिसात्मक हो गया. इस प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनको देश भी छोड़ना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस मुख्या की मीडिया शाखा ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि संघर्ष में 44 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इसमें कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों की मौतें 20 जुलाई से 14 अगस्त के बीच हुईं.
एक दिन में हुई थी 25 पुलिसकर्मियों की मौत
खबरों में यह भी बताया जा रहा है कि जिस दिऩ शेख हसीना ने अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़ कर गई थी. उस दिन 25 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. शेख हसीना के नतृत्व वाली आवामी लीग सरकार के गिरने के बाद देश भर में हिंसा भड़की, जिसमें केवल एक दिन में ही 230 से अधिक लोग मारे गए थे. जुलाई में छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया गया था. इस पूरे प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश में 600 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है.
पूर्व पीएम पर हत्या के कई मामले दर्ज
हाल के दिनों में पूर्व पीएम शेख हसीना पर दो छात्रों की हत्या का मामला दर्ज हुआ है. पूर्व प्रधानमंत्री पर दर्ज किये गये विभिन्न मामलों में यह नवीनतम मामला है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम 05 अगस्त को अपना देश छोड़कर भारत आ गई थीं. उनके देश छोड़ने के बाद भी व्यापक स्तर पर प्रदर्शन देखने को मिला था.
गौरतलब है कि हिंसा के दौरान ढाका के सूत्रा क्षेत्र में दो विद्यार्थियों की मौत को लेकर पूर्व पीएम शेख हसीना और 12 अन्य लोगों को पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. एक सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि कोबी नजरूल सरकारी महाविद्यालय के विद्यार्थी इकराम हुसैन कावसेर और शहीद सुहरावर्दी महाविद्यालय के विद्यार्थी उमर फारूक की मौत को लेकर ढाका मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में यह नया मामला दर्ज किया गया.