Mpox Death Rate in Congo: अफ्रीकी देश कांगो इस समय एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स की चपेट में है. यहां इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. एमपॉक्स का कहर इतना तेज है कि इससे मौतों की संख्या 570 पहुंच गई है. यहां के लोग वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. इमरजेंसी घोषित होने के बाद कांगो के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश को करीब 3 मिलियन वैक्सीन की आवश्यकता है. उन्होंने आगे बताया कि देश में इस साल एमपॉक्स के मामले कुछ दिनों में ही 16,000 से 16,700 पहुंच गए है और मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ी है. देश अमेरिका और जापान से वैक्सीन आने का इंतजार कर रहा है.
कब मिलेगी कांगो को वैक्सीन?
कांगो में अगले हफ्ते तक जापान और अमेरिका से वैक्सीन पहुंच सकती है. जानवरों से फैलने वाले इस वायरस ने कांगो में अब तक 5 सौ से अधिक लोगों को निगल गया है. अमेरिका ने कांगो को अगले हफ्ते तक लगभग 50,000 वैक्सीन की खुराक देने की बात कही है. वहीं जापान ने सोमवार को 3.5 मिलियन खुराक भेजने पर सहमति जताई है. हालांकि, अन्य स्त्रोत के मुताबिक, कांगो, देश में बच्चे, महिलाओं सहित लगभग 4 मिलियन वैक्सीन लगाने की योजना बना रहा है. स्वास्थ्य मंत्री की मानें तो टीकाकरण के लिए सभी तैयारियां हो चुकी है, केवल वैक्सीन मिलने का इंतजार है.
कितना खतरनाक है एमपॉक्स वायरस
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने इस वैरियंट को सबसे घातक और जानलेवा बताया है. डबल्यूएचओ प्रभावित देशों में टीके को बढ़ावा देने के लिए अभियान चला रहा है. इस साल जुलाई में केन्या, बुरुंडी, रवांडा और युगांडा में वायरस के कहर की सूचना मिली थी. स्वीडन में भी नए स्ट्रेन का एक केस मिला है.
WHO ने भी की वैक्सीन की मांग
कांगो के बिगड़ते हालात को देखते हुए डब्लयूएचओ ने भी मदद के लिए 100 मिलियन जनसंख्या वाले लगभग 26 देशों से वैक्सीन की डिमांड की है. संगठन लगातार मंकीपॉक्स को लेकर अपनी चिंता दिखा रहा है. हालांकि यह सालों पुरानी बीमारी है, लेकिन ये नया वैरिएंट दोगुनी तेजी से पैर पसार रहा है. कांगो में मंकीपॉक्स से दो स्ट्रेन तेजी से फैल रहे हैं इसलिए यहां खतरा ज्यादा है.
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