Sri Lanka: वर्ष 2019 के ईस्टर बम विस्फोट के पीड़ितों के लिए श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का मुआवजा दिया है. मालूम हो कि ईस्टर बम विस्फोट कांड में 270 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में 11 भारतीय भी शामिल थे. जिस समय बम धमाके हुए, उस वक्त सिरिसेना ही श्रीलंका के राष्ट्रपति थे. सिरिसेना पर आरोप है कि हमले से पहले ही सिरिसेना को आतंकी हमले की विश्वसनीय सूचना मिली थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हमले को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.
मुआवजा देने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
बीते दिनों श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सिरिसेना अपनी लापवाही के लिए बतौर मुआवजा पीड़ितों को 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का भुगतान करेंगे. अब सिरिसेना के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बीते 16 अगस्त को 10 करोड़ रुपये की पूरी पेमेंट कर दी गई है. मालूम हो कि वर्ष 2019 में ईस्टर के मौके पर एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन से जुड़े 9 आत्मघाती हमलावरों ने श्रीलंका के कैथोलिक चर्चों और होटल्स में खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था. जांच में इस हमले के पीछे आईएसआईएस से जुड़े नेशनल तौहीद जमात का नाम सामने आया था. इन हमलों में 270 लोगों की जान चली गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे.
लगे थे हमला रोकने में नाकाम रहने के आरोप
बम विस्फोट के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे आलोचकों के निशाने थे और उनकी सरकार पर अक्षमता के आरोप लगे थे. उन पर खुफिया जानकारी होने के बावजूद हमला न रोक पाने का आरोप लगा. सिरिसेना ने एक हमलों के बाद एक समिति का गठन कर हमलों की वजह का पता लगाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उस समिति ने सिरिसेना को ही हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर हुई और कोर्ट ने अपने आदेश में सिरिसेना को पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया. सिरिसेना ने जुलाई के मध्य में अदालत को बताया कि वह पीड़ितों को 5.8 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का भुगतान कर चुका हैं और उन्होंने बाकी के 4.2 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 6 महीने का समय मांगा था.