Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं. इस बीच उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. इसका मतलब है कि वह जिस पासपोर्ट के सहारे भारत आईं थी, वह अब मान्य नहींं होगा. पासपोर्ट रद्द होने के बाद शेख हसीना पर वापस बांग्लादेश लौटने का दबाव बनेगा.
दरअसल, बांग्लादेश के आधिकारिक या डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारी व्यक्ति को भारत में बिना किसी वीजा के 45 दिन रहने की इजाजत मिलती है. वर्तमान में शेख हसीना ने भारत में शरण ले रखी है. भले ही उनको भारत में रहने में कोई दिक्कत ना हो, लेकिन वह अब किसी और मुल्क नहीं जा पाएंगी.
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेगा बांग्लादेश?
हिंसा ग्रस्त बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना पर 30 से अधिक मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं. इसमें अधिकतर मुकदमें हत्या के हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक टीम भी बांग्लादेश पहुंच चुकी है. यह टीम शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान हुए मनवाधिकार हनन के मामलों की जांच करेगी. बता दें कि अपनी प्राथमिक जांच में संयुक्त राष्ट्र की टीम ने शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के खिलाफ भारत सरकार से प्रत्यारोपण की मांग कर सकती है.
शेख हसीना पर कितने मामले
बांग्लादेश में शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ कम से कम 9 और शिकायतें दर्ज की गई हैं. अब शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या 30 से अधिक हो चली है. शेख हसीना के खिलाफ 26 हत्या, मानवता के खिलाफ अपराध के 4 और अपहरण का 1 मामला देर्ज है.
यह भी पढ़ें: मलेशियाई PM ने ‘दोस्त दोस्त ना रहा’ गाना गाकर जीता भारत का दिल, वीडियो वायरल