Germany: यूक्रेन के मददगार जर्मनी में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने खलबली मचा दी है. दरअसल, जर्मनी के न्यूक्लियर पावर प्लांट और संवेदनशील इलाकों में रूसी ड्रोन देखे गए है. जानकारी के अनुसार, 8 अगस्त और 20 अगस्त को सबसे ज्यादा रूसी ड्रोन नजर आए हैं. रूसी ड्रोन के दिखने से जर्मनी में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार, न्यूक्लियर पावर प्लांट के ऊपर नो-फ्लाई ज़ोन का बार-बार उल्लंघन हुआ है.
8 अगस्त से ड्रोन नजर आए हैं, जिनमें से एक ने 20 अगस्त को 100 किलोमीटर/घंटा से अधिक की रफ्तार से उड़ान भरी. आशंका है कि यह ड्रोन रूस निर्मित ओरलान-10 मॉडल है, जो अपनी लंबी दूरी की क्षमताओं के लिए मशहूर हैं. जर्मन के अधिकारियों ने उत्तरी जर्मनी में संवेदनशील इलाकों के ऊपर कई ड्रोन नजर आने की जांच शुरू कर दी है.
नाटो का ‘चार्ली टू’ अलर्ट जारी
अधिकारी संभावित जासूसी सहित कई पहलुओं की जांच में लगे हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है. वहीं पश्चिमी जर्मनी के गिलेनकिर्चेन में NATO मिलिट्री बेस पर सुरक्षा को बढ़ाकर चार्ली टू अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही, ऑपरेशन में शामिल नहीं होने वाले सभी कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर घर भेज दिया गया है. इस अलर्ट की जानकारी जर्मनी में भी मिली है. खास बात यह है कि बीते कुछ दिन पहले जर्मनी में तीन ठिकानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई है. अब रूसी ड्रोन देखे जाने के बाद तोड़फोड़ की इन घटनाओं को लेकर अधिकारियों का संदेह और गहरा हो गया है.
यूक्रेन के हमले का बदला ले रहा रूस?
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन की सेना ने कुर्स्क में मौजूद न्यूक्लियर प्लांट पर हमले की कोशिश की है. उन्होंने आईएईए को इसकी जानकारी देने और जांच टीम भेजे जाने की जानकारी भी दी थी.
वहीं इससे पहले रूस नाटो देशों पर यूक्रेन का सहायता करने का आरोप लगाता रहा है. ऐसे में क्या जर्मनी के न्यूक्लियर प्लांट के पास दिखने वाले रूसी ड्रोन बदले की कार्रवाई का हिस्सा तो नहीं? फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहना सही नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से यूक्रेन की सेना रूस में आगे बढ़ रही है उससे ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति पुतिन बदला लेने के लिए कोई खास कदम उठा सकते हैं.
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