Anti Submarine Sonobuoy: समुद्र में जल्द ही भारत की ताकत बढ़ने वाली है, क्योंकि अमेरिका ने भारत को पनडुब्बी रोधी युद्धक सोनोब्वाय और संबंधित उपकरणों की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री को मंजूरी दे दी है. दोनों देशों के बीच हुए इस डील की अनुमानित लागत 52.8 मिलियन डॉलर बतायी जा रही है.
वहीं, अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने प्रेस के माध्यम से बताया कि आज कांग्रेस को इस संभावित बिक्री के बारे में सूचित कर दिया गया है. बता दें कि रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी अमेरिका के रक्षा विभाग के अंतर्गत एक एजेंसी है.
प्रस्तावित बिक्री की लागत 52.8 मिलियन डॉलर
एजेंसी ने कहा कि “भारत सरकार ने एएन/एसएसक्यू-53जी हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर सोनोबॉय; एएन/एसएसक्यू-62एफ एचएएएसडब्ल्यू सोनोबॉय; एएन/एसएसक्यू-36 सोनोबॉय, तकनीकी, पब्लिकेशन और डेटा डॉक्यूमेंटेशन, अमेरिकी सरकार, ठेकेदार इंजीनियरिंग, तकनीकी सहायता, रसद, कार्यक्रम सेवाओं और समर्थन के अन्य संबंधित तत्वों को खरीदने का अनुरोध किया है, जिसकी कुल अनुमानित लागत 52.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.”
अमेरिका-भारत संबंध होंगे मजबूत
भारत और अमेरिका के बीच हुए इस डील से दोनों देशों के संबंधो को मजबूत करने और एक प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी, जो इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है. ऐसे में यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का भी समर्थन करेगी.
खतरों का सामना करने की क्षमता में होगा सुधार
दरअसल, यह प्रस्तावित बिक्री भारत की एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों से पनडुब्बी रोधी युद्ध संचालन करने की क्षमता को बढ़ाकर वर्तमान और भविष्य के खतरों का सामना करने की क्षमता में भी सुधार करेगी. वहीं, भारत को भी इस उपकरण को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई समस्या नहीं होगी.
इसे भी पढें:-Pune Helicopter Crash: मुंबई से हैदराबाद जा रहा प्राइवेट हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, 4 लोग थे सवार