Philippines: चीन की हरकतों से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे पड़ोसी भी परेशान है. जिस तरह चीन भारत की सीमा लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में घुसने की कोशिश करता है, उसी तरह जिन देशों की समुद्री सीमा चीन से मिलती है, वहां भी वह दादागिरी दिखाता है. अब फिलीपींस ने भी चीन को दक्षिण पूर्व एशिया के लिए अशांति का दूत बताया है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से साउथ चाइना सी में चीन का घुसपैठ तेज हो गई है. साउथ चाइना सी में चीन सेना के बढ़ते घुसपैठ से ताइवान और फिलीपींस जैसे देश परेशान है.
क्या है पूरा विवाद?
चीनी जहाजों ने अपनी ताकत दिखाते हुए फिलीपींस पर धौंस जमाई है. दक्षिण चीन सागर में चीन के जहाजों ने एक विवादित द्वीप पर मनीला के सबसे बड़े तटरक्षक जहाज को खाद्य एवं अन्य सामान पहुंचाने से रोक दिया है. इसके बाद फिलीपींस के रक्षा प्रमुख गिल्बर्ट टेओडोरो ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया की शांति को भंग करने का सबसे बड़ा कारण चीन है. फिलीपींस का कहना है कि उसने अपने एक जहाज को खाद्य सामग्री आपूर्ति के लिए रीफ पर दो जहाज भेजे थे, जिनको चीनी कोस्टगार्ड ने रोक दिया. फिलीपींस कोस्टगार्ड के प्रवक्ता कमोडोर जे टैरिएला ने सोमवार को एएफपी को बताया कि चीनी नौसेना के जहाजों की बड़ी तादाद में तैनाती और खराब समुद्री परिस्थितियों के चलते उन्हें अपने मिशन को छोड़ना पड़ा.
पूरे साउथ चाइना सी पर दावा
बता दें कि चीन समुद्र के करीब पूरे हिस्से पर अपना दावा करता है. फिलीपींस सहित दूसरे देशों के दावों को चीन खारिज करता आया है. हालांकि, एक अंतरराष्ट्रीय फैसले के अनुसार चीन का ये दावा गलत है. चीन के दावों में फिलीपींस के खास आर्थिक क्षेत्र के अंदर की चट्टानें और पानी भी शामिल हैं, जो देश के तट से करीब 370 किलोमीटर तक फैला है. पत्रकारों से बात करते हुए डिफेंस चीफ गिल्बर्ट टेओडोरो ने कहा कि हमें चीन के खिलाफ एक साथ आवाज उठाने की आवश्यकता है. हम एक अधिक शक्तिशाली विरोधी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
सबीना शोल में हो रहे टकराव
हाल के दिनों में सबीना शोल के आसपास कई टकराव देखने को मिले हैं. सबीना शोल फिलीपींस द्वीप पलावन से 140 किलोमीटर पश्चिम में और चीन के सबसे नजदीकी हैनान द्वीप से करीब 12 सौ किमी दूर है. हाल के महीनों में दोनों देशों ने शोल पर कोस्ट गार्ड और सैन्य शिप तैनात की हैं. मनीला को इस बात का डर है कि चीन इस इलाके में एक आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने वाला है. फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस विवादित क्षेत्र पर चीन के घुसपैठ का विरोध करते रहे हैं. जिसके चलते हाल के दिनों में दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है.
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