मेरा ब्लड टाइप O है, प्लीज DM करें… किडनी बेचने को मजबूर हुए इस देश के लोग, सोशल मीडिया पर कर रहे पोस्ट

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Financial Crisis In Myanmar: लंबे समय से गृह युद्ध से जूझ रहे म्यांमार में बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है.  म्‍यांमार की बड़ी आबादी पर पेट भरने का संकट आ गया है. यहां की सरकार गरीबी के दलदल से लोगों को निकालने की दावे तो कर रही हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. म्‍यामांर में आलम ये है कि लोग भोजन और घर जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने शरीर के अंग बेचने को मजूबर हैं. लोग अपनी किडनी और दूसरे अंग बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. सीनएन की रिपोर्ट में म्यांमार की भयावह होती स्थिति की जानकारी दी गई है.

किडनी बेचने को लेकर पोस्ट

सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के लोग सोशल मीडिया पर किडनी बेचने को लेकर पोस्ट कर रहे हैं. पोस्ट में वे अपने ब्लड ग्रुप तक बता रहे हैं और खरीदने वालों से मैसेज करने की अपील कर रहे हैं. कुछ लोगों ने तो इस तरह के मैसेज भी किए जिनमें कहा गया, “मेरा ब्लड टाइप O है, प्लीज DM (डायरेक्ट मैसेज) करें.”

परिवार का पेट भरने के लिए ड्राइवर ने की किडनी बेचने की पेशकश

म्यांमार के मांडले के रहने वाले ड्राइवर माउंग ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने की पेशकश की है. माउंग ने कहा कि उनके पास कोई काम नहीं है और परिवार कर्ज तले दबा है. ऐसे में पत्‍नी और बेटी पेट भरने के लिए वह अपना किडनी बेचना चाहते हैं. ड्राइवर माउंग ऐसा करने वाले पहले इंसान नहीं है. सीएनएन की एक साल की जांच से पता चला है कि म्यांमार में गरीब लोग फेसबुक पर अमीर लोगों को अपने अंग बेच रहे हैं. ये लोग एजेंटों की जरिए प्रत्यारोपण के लिए गैरकानूनी तरीके से भारत आ रहे हैं. भारत आकर अंग प्रत्यारोपण का खेल हो रहा है.

बेचने वाले गरीब और खरीदार अमीर

सीएनएन को तीन बर्मी-भाषा वाले फेसबुक ग्रुप पर अंगों को बेचने की पेशकश करने वाले पोस्ट का पता चला. इस रैकेट में शामिल दो दर्जन लोगों से अखबार ने बात भी की है. इनमें अंग विक्रेता, खरीदार और एजेंट शामिल थे. दरअसल, म्‍यामांर में जारी गृह युद्ध ने अंगों का ये नया बाजार पैदा किया है. इसमें गरीब लोग अंग बेचते हैं और अमीर खरीदते हैं.

फेसबुक का बड़ा कदम

वहीं फेसबुक ने बड़ा कदम उठाते हुए प्‍लेटफॉर्म से उस ग्रुप को हटा दिया जिसको अंग बेचने की पेशकश की गई थी. फेसबुक ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसी सामग्री की इजाजत नहीं देती, जिसमें मानव शरीर के अंगों को बेचा और खरीदा जाए. साथ ही फेसबुक द्वारा इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए सख्त कदम उठाने की बात कही गई है.

अंग व्यापार ग्रुप का पर्दाफाश

जानकारी दी गई कि इस ऑनलाइन अंग व्यापार ग्रुप में बेचने वाला, बिचौलियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बिचौलियों के इसमें काफी सक्रिय होने की बात कही जा रही है. बिचौलियों का काम अंग विक्रेता को खरीदार से मिलाना है और उसके बाद इस पूरे प्रक्रिया के जरूरी डॉक्यूमेंटस बनाने के साथ ही सर्जरी की व्यवस्था करना भी बताया गया. ये सब भारत में होता है लेकिन भारत में अंगों की बिक्री गैरकानूनी है, हालांकि पारिवारिक मामलों में इसकी अनुमति है. ऐसे में एजेंट अक्सर वकीलों और नोटरी की जरिए घरेलू रिकॉर्ड, पारिवारिक पेड़ और अन्य दस्तावेज बनाते हैं. इसके बाद किडनी प्रत्‍यारोपण का ये खेल होता है.

गृहयुद्ध झेल रहा म्‍यांमार

मालूम हो कि म्यांमार में तख्ता पलट कर सत्ता में आए सैन्य शासक जुंटा विद्रहू गुटों के भयंकर प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं. जुंटा को तीन समूहों के ब्रदरहुड एलायंस से सशस्त्र चुनौती मिल रही है. देशभर में जुंटा और विद्रोही आमने-सामने हैं। इस गृहयुद्ध ने आम लोगों की स्थिति को बद से बदत्‍तर कर दिया है.

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