Jasimuddin Rahmani : बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद नई अंतरिम सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए है, जो भारत के लिए खतरा साबित हो रहा है. ऐसे में ही अब बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने अल कायदा से जुड़े आतंकवादी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा किया है, जिसके बाद से भारत के साथ ही और भी कई आसपास के देशों के लिए सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ाता है संगठन
दरअसल, साल 2013 में एक ब्लॉगर के हत्या के मामले में रहमानी को जेल भेजा गया था. बता दें कि यह संगठन बांग्लादेश में अल-कायदा की कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ाता है. यही वजह है कि साल 2015 में शेख हसीना की सरकार ने इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया था. साथ ही रहमानी को कोर्ट ने सजा सुनाई थी, जिसे अब मोहम्मद यूनुस की सरकार ने रिहा कर दिया है.
भारत के लिए चिंता की बात
वहीं बात करें को जशीमुद्दीन रहमानी को लेकर भारत की खतरे की तो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के लोग हमेशा ही भारत में घुसपैठ का प्रयास करते हैं. ऐसे में जशीमुद्दीन रहमानी की रिहाई भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दरअसल, मई 2024 में भारत के असम पुलिस ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर एबीटी के 2 आतंकियों को पकड़ा था.
भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता की वजह
बता दें कि एबीटी ने भारत के पूर्वोत्तर इलाकों में कई आतंकी अभियान चलाने की योजना भी बनाई थी, जिसके लिए पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा मदद की थी. सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि रहमानी की रिहाई से पहले भारत में एबीटी का संचालन करने वाले प्रमुख इकरामुल हक उर्फ अबू तल्हा समेत 500 कैदी जेल से भाग चुके हैं.
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